दिल्ली एनसीआर में निवेश वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर में अब घर खरीदना और सस्ता हो गया है। दरअसल, गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने नए सर्कल रेट के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बृहस्पतिवार से ही जिले में नए सर्कल रेट लागू हो गए हैं। इसी के साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर में लोगों के लिए घर खरीदना और आसान हो जाएगा। इस बाबत जिला प्रशासन की वेबसाइट (GBNAGAR.NIC.IN) पर नई मूल्यांकन सूची अपलोड कर दी गई है, जिसे लोग यहां से देख सकते हैं।
जिला प्रशासन ने अब की बार नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर में पांच श्रेणियों में सेक्टरों को बांटकर नई दरों का निर्धारण किया है। वाणिज्यिक संपत्तियों के सर्कल रेट में 21.5 फीसत की कमी का प्रस्ताव आया था, जिसे जस का तस लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही ग्रुप हाउसिंग से सरचार्ज कम कर भी प्रॉपर्टी बाजार को ऊर्जा देने के साथ लोगों को राहत देने की कोशिश की गई है। जिलाधिकारी बीएन सिंह की अध्यक्षता में जिले में सभी श्रेणियों की संपत्तियों के सर्किल रेट और बाजार मूल्य पर मंथन किया गया। इसके लिए अधिकारियों को मार्केट में भी उतारा गया। वहीं, सर्वे करने के बाद कई संपत्तियों के मार्केट रेट मौजूदा सर्किल रेट से कम पाए गए। इस वजह से संपत्तियों की रजिस्ट्री में भारी गिरावट आई है।
सिर्फ नोएडा शहर में व्यावसायिक भूखंडों के सर्कल रेट को 21.50 फीसद घटा कर निवेशकों को भी बड़ी राहत दी गई है। पिछले महीने ही जिलाधिकारी ने प्रेस कांफ्रेस कर इस बारे में जानकारी दी थी। मॉल्स में सेंट्रल एसी व एस्केलेटर पर लिया जा रहा 25 फीसद सरचार्ज अब समाप्त हो गया है। ग्रुप हाउसिंग, मल्टी स्टोरीज, र्बिंल्डग, फ्लैट व अपार्टमेंट में कम्युनिटी सेंटर या क्लब, स्र्वींमग पूल व जिम की सुविधाओं पर लगने वाला छह फीसद सरचार्ज भी नहीं देना होगा। लोगों ने डीएम, एडीएम व एआइजी प्रथम व द्वितीय और उपनिबंधक कार्यालयों में 31 जुलाई तक आपत्तियां दर्ज कराई थीं।
जिलाधिकारी बीएन सिंह की मानें तो संपत्ति पुनरीक्षण मूल्यांकन समिति ने संपत्ति की वास्तविक कीमत के साथ प्राधिकरण के सुरक्षित मूल्य के बराबर सर्कल रेट रखने की कोशिश की है, ताकि संपत्ति की खरीद बिक्री में तेजी आ सके और राजस्व का लक्ष्य पूरा हो। क्रेडाई, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के साथ उद्यमियों व लोगों से भी राय ली गई थी।
यह बात भी हैरान करने वाली है कि पिछले चार साल से नोएडा में वाणिज्यिक भूखंड की बिक्री नहीं हुई है। वर्ष 2018 में प्राधिकरण 61 वाणिज्यिक भूखंडों की योजना लाया, इसमें सिर्फ एक भूखंड ही बिका। पिछले नौ वर्ष में हुई रजिस्ट्री में भी गिरावट आई है। हालांकि ग्रेटर नोएडा में ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट, ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, मेट्रो कनेक्टिविटी व ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की वजह प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री में सुधार आया है। पिछले कई सालों से रियल सेक्टर मंदी की वजह से बुरे दौर से गुजर रहा है। आलम यह है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में दर्जनों प्रोजेक्ट बंद हो चुके हैं, तो इतने ही प्रोजेक्ट अभी शुरू होने की बाट जो रहे हैं। कम से कम 50 प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं, जिन पर काम ही नहीं शुरू हो पाया है।