केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच फेज चार की मेट्रो परियोजनाओं के बजट को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने फेज चार की परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू करने के लिए है। इसके तहत एक हजार 30 करोड़ रुपये की लागत से मजलिस पाक-मौजपुर मेट्रो लाइन के एलिवेटेड कॉरिडोर और उसके आठ स्टेशनों का निर्माण होगा।खास बात यह कि इस मेट्रो लाइन पर दिल्ली का पहला डबल डेकर कॉरिडोर बनेगा। जिसके ऊपर के कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेन रफ्तार भरेगी और उसके नीचे लोक निर्माण विभाग का फ्लाईओवर होगा, जिस पर वाहन दौड़ेंगे।
टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ढाई से तीन साल में यह कॉरिडोर बनकर तैयार होगा। मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर की कुल लंबाई 12.54 किलोमीटर होगी। डीएमआरसी का कहना है कि इस कॉरिडोर पर भजनपुरा से यमुना विहार के बीच डबल डेकर कॉरिडोर बनेगा। इस डबल डेकर कॉरिडोर की लंबाई 1.40 किलोमीटर होगी। ऊपर का कॉरिडोर 18.5 मीटर की ऊंचाई पर बनेगा, जिस पर मेट्रो चलेगी। इसके नीचे 9.5 मीटर की ऊंचाई पर फ्लाईओवर होगा, जिस पर वाहन चलेंगे। इसके अलावा फेज चार के तुगलकाबाद-एयरोसिटी मेट्रो लाइन पर अंबेडकर नगर से साकेत जी ब्लॉक के बीच 2.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनेगा। मौजूदा समय में दिल्ली में इस तरह का कॉरिडोर नहीं है।
मौजूदा समय में यमुना पर मेट्रो के चार पुल हैं। पांचवां पुल मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडार पर सूरघाट से सोनिया विहार मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा। इस पुल के बनने से सोनिया विहार के इलाके में मेट्रो से आवागमन की सुविधा होगी। कॉरिडोर पर आठ स्टेशन होंगे। जिसमें यमुना विहार, भजनपुरा, खजूरी खास, सोनिया विहार, सूरघाट, जगतपुर गांव, झडोदा माजारा व बुराड़ी शामिल है।
मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पिंक लाइन की विस्तार परियोजना है। वर्तमान समय में पिंक लाइन पर मजिलस पार्क से मयूर विहार पॉकेट एक मेट्रो स्टेशन व त्रिलोकपुरी-मौजपुर-शिव विहार के बीच मेट्रो का परिचालन हो रहा है। मयूर विहार से त्रिलोकपुरी के बीच का हिस्सा अगले साल बनकर तैयार हो जाएगा। तब मजिलस पार्क से शिव विहार के बीच सीधे आवागमन की सुविधा हो जाएगी।
फेज चार में मजलिस पार्क से मौजपुरी के बीच नए कॉरिडोर के निर्माण के बाद दिल्ली में मेट्रो का रिंग नेटवर्क तैयार हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि फेज चार में छह नए कॉरिडोर का निर्माण होना है। जिनकी कुल लंबाई 103.94 किलोमीटर होगी। डीएमआरसी ने पिछले माह पहला टेंडर जारी किया था। जिसके तहत जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर के 12.3 किलोमीटर हिस्से का निर्माण होना है। इस कॉरिडोर को लेकर तकनीकी पेच फंस रहा था, इसके बाद यहां डबल डेकर कॉरिडोर का निर्णय लिया गया है।