नये कृषि बिल के सभी नियमों पर सहमत नहीं है संघ, कृषि मंत्री से मिल आपत्ति दर्ज करा चुका है केंद्रीय नेत्तृत्व
रांची. 5 जून को केंद्र सरकार द्वारा कृषि व्यापार के संदर्भ में तीन अध्यादेश लाये गये थे. जिनका उद्देश्य सरकार ने बताया है कि इससे किसान देश भर में कहीं भी अपनी उत्पादित वस्तु बेच सकेगा. जिसे इस अध्यादेश के माध्यम से कानूनी रूप देकर पारित करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा था. हालांकि इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय स्तर पर कृषि मंत्री को अपना विरोध दर्ज करा चुका है. उसमें कुछ सुधार के बाद इसे लागू करने का निवेदन किया गया है.
इस संबंध में किसान संघ के महामंत्री प्रशांत खाखा, प्रचार-प्रसार प्रमुख सह भारतीय कृषि आर्थिक शोध संस्थान केंद्र के झारखंड के प्रांत संयोजक प्रकाश नारायण सिंह ने कहा कि भारतीय किसान संघ शुरुआत से ही स्वस्थ स्पर्धात्मक बाजार का पक्षधर रहा है. लेकिन वास्तविकता है कि पहले भी किसान देश के किसी भी मंडी में बेच सकता था. इस नये कानून में निजी व्यापारी मंडी के बाहर बिना लाइसेंस इन उत्पादों को खरीद सकेगा. जिससे किसानों के लिए एक और खरीदार बढ़ जायेगा. साथ ही इससे मंडियों में किसानों के आर्थिक शोषण और मानसिक प्रताड़ना पर लगाम लग सकेगा. हालांकि उसे उसके अनुसार मूल्य मिलेगा और उसके साथ धोखेबाजी नहीं होगी, यह कानून भी इसकी कोई गारंटी नहीं देता है.
पैन कार्ड दिखाकर उत्पाद खरीद सकेंगे खरीदार
मंडियों में उत्पाद खरीदने आये व्यापारियों के पास पैन कार्ड होना अनिवार्य होगा. यह दिखाकर वह उत्पाद खरीद सकेगा, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है. नये कलेवर में प्रस्तुत संविदा खेती का नाम तो आकर्षक है लेकिन इसमें समर्थन मूल्य की कोई बात नहीं है. एमएसपी के लिए कानूनी प्रावधान से ही किसानों का भला होगा. बहरहाल, भारतीय किसान संघ की मांग है कि एक अलग कानून बनाकर एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित किया जाये. इसे लेकर संघ की मांगें निम्न हैं :
1. कृषि उत्पाद को एमएसपी खरीद की गारंटी मिले, इसके लिए अलग कानून बने.
2. सरकारी पोर्टल से व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन हो और राज्य में बैंक सिक्यूरिटी मिले.
3. कृषि संबंधित सभी विवादों के लिए किसानों के जिले में स्वतंत्र कृषि न्यायाधिकरण स्थापित की जाये.
4. जीवनावश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार करते समय भंडारण सीमा के सभी निर्बंध हटा दिये गये है, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी हो सकती है. इसे तर्कसंगत बनाया जाये.
रघुवर दास : एक संक्षिप्त परिचय
नाम : रघुवर दास
शिक्षा : बीएससी, एलएलबी.
पेशा : समाजसेवा / राजनीति.
राजनीतिक दायित्व :
1. जमशेदपुर के सीतारामडेरा, भाजपा का मंडल अध्यक्ष.
2. जमशेदपुर महानगर भाजपा में जिला भाजपा महामंत्री, उपाध्यक्ष.
3. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष (जुलाई 2004 से मई 2005 तक और 19 जनवरी 2009 से 25 सितंबर 2010 तक).
4. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (16 अगस्त 2014 से 27 दिसंबर 2014 तक ).दूसरी बार 26 सितम्बर 2020 से
छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया. छात्र संघर्ष समिति में संयोजक की भूमिका निभाते हुए जमशेदपुर में विश्व विद्यालय की स्थापना के लिए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी. लोक नायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में जमशेदपुर के युवा एवं छात्रों को संगठित किया. फलत: प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर गया जेल में रखा गया. मती इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाये गये आपातकाल का विरोध के फलस्वरूप प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. 1977 में जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण और 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के साथ सक्रिय राजनीति की शुरूआत. पार्टी के मुंबई में हुए प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल हुए.
प्रशासनिक दायित्व :
1. 15 नवंबर 17 मार्च 2003 तक श्रम एवं नियोजन मंत्री, झारखंड सरकार.
2. मार्च 2003 से 14 जुलाई 2004 तक भवन निर्माण मंत्री, झारखंड सरकार.
3. 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक वित्त वाणिज्य एवं नगर विकास मंत्री, झारखंड सरकार.
4. 30 दिसंबर 2009 से 30 मई 2010 तक उप मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री, झारखंड सरकार.
5. 28 दिसंबर 2014 से 28 दिसंबर 2019 तक मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार.