नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही 19 वर्षीय हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता ने मंगलवार (सितंबर 29, 2020) सुबह गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया। उसे एक दिन पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से दिल्ली रेफर किया गया था।
हाथरस पुलिस ने सोशल मीडिया रिपोर्टों का किया खंडन
जघन्य कृत्य के कुछ दिनों बाद, सोशल मीडिया पर सामूहिक बलात्कार की क्रूरता की भयावहता का वर्णन वाली कई रिपोर्टें सामने आई. जिसमें दावा किया गया कि अपराधियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, उसकी जीभ काट दी और आँखें भी फोड़ दी. हालाँकि, हाथरस पुलिस ने एक बयान में इन आरोपों से इनकार किया.
हाथरस पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा, “सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर सार्वजनिक रुप से फैलाई जा रही है कि थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका की जीभ काटी गई, आँख फोड़ी गई तथा रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी. हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है.”
बयान में आगे कहा गया है, “सच्चाई यह है कि मेडिकल रिपोर्ट में जीभ काटने व आँख फोड़ने का कोई उल्लेख नहीं है। रीढ़ की हड्डी भी तोड़ी नहीं गई, बल्कि गला दबाने के कारण रीढ़ की हड्डी ठीक से काम नहीं कर रही है एवं गर्दन दबाने पर दाँतों के बीच में जीभ के आ जाने के कारण चोट का निशान है.”
आईजी पीयूष मोर्डिया ने मामले पर जानकारी देते हुए कहा, “14 सितंबर को 10:30 बजे पीड़िता के भाई सत्येंद्र ने एक लिखित तहरीर दी. उसने कहा कि जब उसकी बहन बाजरे के खेत में घास काट रही थी तो संदीप नाम के एक लड़के ने गला दबाकर उसे जान से मारने का प्रयास किया. सत्येंद्र की लिखित तहरीर पर तुरंत FIR दर्ज की गई और पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.”
आईजी आगे कहते हैं, “कुछ दिन बाद जब पीड़िता का बयान लिया गया तो उसने बताया कि उसके साथ छेड़खानी भी किया गया था. हमारे पूछने के बावजूद उसने अन्य कोई आरोप नहीं लगाया. उसने तीन और युवकों का भी नाम बताया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. जैसे-जैसे और नाम सामने आएँगे, उसे गिरफ्तार किया जाएगा. मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई है. फिलहाल चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.”
घटना के बारे में बात करते हुए पीड़ित परिवार ने माँग की है कि आरोपितों को मृत्युदंड मिलना चाहिए. पीड़िता के भाई ने कहा, “हम उसके लिए न्याय चाहते हैं. आरोपितों को बख्शा नहीं जाना चाहिए
उन्हें फाँसी दी जानी चाहिए.”
फास्ट ट्रैक ट्रायल
हाथरस पुलिस ने शनिवार (सितंबर 19, 2020) को इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया. हाथरस एएसपी प्रकाश कुमार ने कहा, “आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था. फिर बाद में उन पर धारा 376 डी के तहत सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया गया।” उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालत में की जाएगी.
पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, “आरोपित संदीप को 19 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद संदीप के अलावा तीन अन्य आरोपितों लवकुश, रवि और राम कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. बाद में उन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पीड़ित परिवार को एससी / एसटी अधिनियम के तहत 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.”
हाथरस गैंगरेप
गौरतलब 14 सितंबर को पीड़िता चारा इकट्ठा करने के लिए खेत में गई थी, जब युवकों के एक समूह ने उस पर पीछे से हमला किया था. किशोरी को उसके गले में दुपट्टे से बाँधकर घसीट कर खेत में ले जाया गया, जहाँ कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया गया. शायद घसीटने की वजह से ही उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी.
दुष्कर्म का विरोध करने पर आरोपितों ने पीड़िता की गला दबा कर हत्या करने की कोशिश की. पुलिस ने कहा कि इसी दौरान पीड़िता की जीभ दाँत के बीच में आ गई और कट गई.
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चन्दपा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) को मामले में ‘तुरंत कार्रवाई करने में उनकी विफलता’ के कारण जिला पुलिस लाइनों में ट्रांसफर कर दिया गया है. हाथरस एएसपी प्रकाश कुमार ने पुष्टि की है कि शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद उसे गाँव लाया जाएगा.