धनबाद: रेलकर्मियों के लिए कुछ अच्छी खबरें आ रही हैं, ऑल इंडिया रेलवे मेंस फैडरेशन और रेल मंत्रालय के बीच लगभग तीन घंटे चली बैठक के बाद फिलहाल बोनस मिलने के आसार है. इसके अलावा ग्रेड पे 1800 और 4600 के लोगों को भी बोर्ड ने राहत देने का मन बना लिया है. एक्ट अप्रेंटिस के मामले में बोर्ड अलग से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
रेल कर्मचारियों की तमाम जायज मांगों पर भी रेलमंत्रालय खामोशी साधे हुए था, इस पर फैडरेशन ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया था. महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने यहां तक ऐलान कर दिया था कि अगर बोनस पर कोई अड़चन पैदा की गई, तो कर्मचारी बिना नोटिस के हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे.
फैडरेशन के सख्त रुख को देखते हुए फिलहाल 11 अक्टूबर रविवार को छुट्टी के बावजूद एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में रेलमंत्री पियूष गोयल, रेलवे मंत्रालय के सीईओ विनोद कुमार यादव, डीजी एचआर डॉ.आनंद एस खाती और कमिश्नर फाईनेंस नरेश सकेचा के अलावा ऑल इंडिया रेलवे मेंस फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा मौजूद थे.
महामंत्री ने मीटिंग शुरु होते ही 18 सूत्रीय मांग पत्र रेलमंत्री और अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया और कहा कि ये सभी ऐसे मसले हैं, जिस पर काफी समय से बात चल रही है, ज्यादातर मामलों में सहमति भी हो चुकी है, फिर भी आज तक आदेश जारी नहीं हो सका है. महामंत्री ने कहा कि एक तरफ रेल कर्मचारियों ने कोरोना के समय माल ढुलाई में 15 फीसदी से अधिक बढ़ोत्तरी की.
इसके बाद भी अभी तक उनके बोनस का ऐलान नहीं किया गया है, इससे कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रही है. बैठक में आश्वस्त किया गया है कि रेलवे बोर्ड से कर्मचारियों के बोनस के मामले को वित्त मंत्रालय को भेजा गया है, वहां कई बैठकें हो चुकी है.
उम्मीद है कि जल्दी ही रेल कर्मचारियों के हित में बोनस का फैसला हो जाएगा. महामंत्री ने कहा कि रेलमंत्री और बोर्ड के सीईओ का रुख कर्मचारियों के साथ ही इससे बोनल मिलने के आसार काफी बढ़ गए हैं. जल्दी ही इस पर फैसला हो जाएगा.
बैठक में महामंत्री ने ग्रेड पे 1800 और 4600 का मसला फिर उठाया और कहा कि इस मामले में फैडरेशन की कई बैठकें बोर्ड अधिकारियों के साथ खुद मंत्री की मौजूदगी में हो चुकी है, इस पर सहमति भी बन चुकी है, लेकिन आदेश अभी तक जारी नहीं किया गया.
कुछ ऐसे सवाल है, जिन्हें अधिक समय तक लटकाया नहीं जा सकता. बहरहाल बातचीत काफी सकारात्मक हुई, इसमें LDCE को 10 फीसदी से बढ़ाया भी जा सकता है, इससे 1800 ग्रेड पे के कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर और बढ़ेगें. इसी तरह 4600 ग्रेड पे के बारे में भी जल्दी ही कुछ फैसला होने की उम्मीद बढ़ी है.
एक्ट अप्रेंटिस के सवाल पर काफी महत्वपूर्ण चर्चा हुई, महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि अब इस मामले में रेलवे बोर्ड अलग से फैसला करने में सक्षम है, देश की किसी भी अदालत से अब इस मामले में कोई अडचन नहीं है. इसलिए अप्रेंटिस को नौकरी देने के मामले में गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है. इस पर भी आगे चर्चा जारी रहेगी और जल्दी ही सकारात्मक रास्ता निकाला जाएगा.
बैठक में महामंत्री ने कहा कि इन दिनों रेल मंत्रालय में 30/55 को लेकर काफी चर्चा हो रही है, इससे रेल कर्मचारियों के कार्य पर भी असर पड़ता है. महामंत्री ने कहाकि इस भ्रम की स्थिति को खत्म किया जाना चाहिए, जिससे रेलकर्मी निश्चिंत होकर काम कर सकें.
सीईओ ने कहा कि फिलहाल ये एक प्रक्रिया है, इस पर कुछ काम चल रहा है, लेकिन इससे कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि और मेहनत से अपने काम को अंजाम देने की जरूरत है.
लार्सजेस पर चर्चा के दौरान महामंत्री ने कहा कि इसके एवज में जो सैल्यूट स्कीम लाई गई है, उससे कर्मचारियों का कोई भला होने वाला नहीं है. रेलमंत्री ने कहा कि लार्सजेस के मामले में अलग से बैठकर बात करें और ऐसा सिस्टम तैयार करें, जिससे स्कीम की उपयोगिता बनी रहे.
आज ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के अपर महामंत्री डीके पांडेय ने सभी शाखा कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दे रहे थे, इसमें डीके पांडेय के अलावे, ए के दा, एन के खवास, टी के साहू, एन जे सुभास, प्रोसन्तो बनर्जी, आर के सिंह, ए के दास, राजू चौबे, तपन बिस्वास, आर के प्रसाद, सोमेन दत्ता, बी के सिंह, बिस्वजीत मुख़र्जी, ए पुराण, विजय कुमार, परमेश्वर कुमार, नीतिश कुमार आदि उपस्थित थे.
उपरोक्त जानकारी ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एन के खवास द्वारा दिया गया है.