नई दिल्ली: जिस जेल के नाम से रूह कांप उठती हो, उसी जेल के अंदर अगर कोई प्रेमिका ‘डेट’ करने पहुंच जाए तो विश्वास नहीं होगा, सच मगर यही है। वह सच जिसमें माशूका ‘डेट’ करने के लिए वास्तव में तिहाड़ जैसी एशिया की सबसे चाक-चौबंद जेल की चार दीवारी में जा पहुंची। वह भी जेल सुपरिंटेंडेंट के दफ्तर के भीतर। जेल महानिदेशक ने फौरन उच्चस्तरीय जांच के लिए कमेटी बना दी। जांच कमेटी ने मंगलवार को पड़ताल शुरू कर दी।
तिहाड़ के उप-महानिरीक्षक (जेल) राजेश चोपड़ा को कमेटी का प्रमुख बनाया गया है। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कमेटी गठन की पुष्टि आईएएनएस से की।
जांच कमेटी को तय करना है कि जेल नंबर-2 के सुपरिंटेंडेंट राम मेहर और सलाखों के भीतर ‘डेट’ पर जा पहुंचने वाली माशूका की दोस्ती, आखिर इस कदर जेल में परवान चढ़ी तो कैसे और कब? साथ ही दिल्ली में रह रही महिला को तिहाड़ के भीतर पहुंचने का आइडिया आया कैसे? प्रेमी का नाम हेमंत गर्ग है। वह दिल्ली के उत्तम नगर इलाके का रहने वाला है। हेमंत कई साल से एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता मुजरिम के बतौर उम्रकैद भोग रहा है। तिहाड़ जेल प्रशासन को शुरुआती जांच में यह पता लग चुका है कि इस सबके पीछे शातिर दिमाग हेमंत का ही होगा।
उल्लेखनीय है कि संदिग्ध महिला इसी साल जुलाई महीने में कथित प्रेमी हेमंत से सांठगांठ करके जेल के भीतर कथित रूप से ‘डेट’ करने पहुंच गई थी। एक नहीं, कई बार, बार-बार। जब जी चाहा तब। जेल के दरवाजे के भीतर तक ही नहीं। जेल नंबर-2 के अंदर स्थित जेल-अधीक्षक राम मेहर के दफ्तर में।
सूत्रों के मुताबिक, जेल नंबर-दो के अधीक्षक राम मेहर को मुजरिम के ऊपर आंख मूंदकर विश्वास करना ही भारी पड़ गया। सलाखों के भीतर प्रेमिका के साथ रहकर सनसनी फैलाने वाला हेमंत। करीब दो साल से जेल सुपरिंटेंडेंट का कम्प्यूटर ऑपरेट कर रहा था। आईएएनएस की ‘पड़ताल’ में छनकर सामने आए तथ्य इशारा कर रहे हैं कि हेमंत गर्ग ने तिहाड़ के सुरक्षा इंतजामों को खोखला साबित कर दिया है। उसने जेल नंबर-2 के अधीक्षक के बराबर में अपनी कुर्सी डालकर उनका विश्वास जीत लिया था। वह भी इस हद तक कि जेल अधीक्षक के कम्प्यूटर पर जेल अधीक्षक से ज्यादा कामकाज स्वयं हेमंत करने लगा था।
जेल महानिदेशालय सूत्रों की मानें तो जांच टीम मंगलवार को यह भी पता लगाने में जुटी रही कि कहीं राम मेहर के कम्प्यूटर से जेल संबंधी और कोई खुफिया जानकारी तो बाहर लीक नहीं हो चुकी है। जो किसी विध्वंसकारी ताकत के हाथ लग जाए। बवाल मचने के बाद भले ही कम्प्यूटर का पासवर्ड बदल दिया गया हो, लेकिन जो कुछ महत्वपूर्ण जानकारी कम्प्यूटर सिस्टम से बाहर भेजी जा चुकी होगी, उसे अब सुरक्षित कैसे बचाया या वापिस लाया जा सकेगा?
गंभीर बात यह है कि जिस जेल नंबर-2 में इतनी बड़ी घटना घटी उसी जेल में अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन, बिहार का बाहुबली शहाबुद्दीन और दिल्ली का खतरनाक अपराधी नीरज बबानिया भी बंद है।
इन तमाम मुद्दों पर आईएएनएस द्वारा पूछे जाने पर तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, “जांच डीआईजी जेल से करा रहा हूं। लापरवाही गंभीर है। जिम्मेदारी किसकी बनती है, यह जांच रिपोर्ट आने पर ही तय हो पाएगा। जो भी दोषी होगा, उसे सजा ऐसी दी जाएगी, ताकि आइंदा तिहाड़ के सुरक्षा इंतजामों में दुबारा इस तरह की कोताही बरतने की कोई हिम्मत न कर सके।”