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क्लाउड स्टैंडर्ड सिक्यूरिटी हो रहा मेनटेन, लीक नहीं होगा डाटा
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बिजली वितरण निगम का आइटी और साइबर सिक्यूरिटी पर जोर
रांची : झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं के हित और बेहतर सर्विस के लिए आइटी और साइबर सिक्यूरिटी पर जोर दिया है। राज्य के 29 लाख बिजली उपभोक्ताओं का एकाउंट हैक न हो, इसके लिए क्लाउड स्टैंडर्ड्र सिक्यूरिटी को मेनटेन किया जा रहा है। उपभोक्ताओं का पूरा डेटा बेस क्लाउड में है। वितरण निगम ने दावा किया है कि इससे डाटा लीक नहीं होगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जो एक्शन प्लान तैयार किया गया है, उसके मुताबिक आइटी, साइबर सिक्यूरिटी और आइटी स्कीम में कुल 769.1 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें सिक्यूरिटी पर 585.1 करोड़ और विभिन्न आइटी स्कीम पर 184 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अब तक 29 लाख कंज्यूमर तक मीटरिंग की सुविधा दी जा चुकी है। रांची में 3.50 लाख उपभोक्ताओं के बीच स्मार्ट मीटरिंग की सुविधा दी जायेगी।
लैप टॉप से कं ट्रोल होगी झारखंड की बिजली व्यवस्था
झारखंड की बिजली व्यवस्था अब लैप टॉप से भी कंट्रोल की जा सकेगी। इसके लिए स्कॉडा(सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजिशन) लगाया गया है। इसकी शुरूआत रांची, धनबाद और जमशेदपुर से शुरू कर दी गई है। स्कॉडा सिस्टम का तीन पार्ट है। पहला कंप्यूटर, दूसरा कम्यूनिकेशन और तीसरा ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन। इस सिस्टम से यह पता चलेगा कि किस क्षेत्र में कितनी बिजली की खपत हो रही है, डिमांड क्या है। सर्वर से जुड़े होने के कारण तुरंत मुख्यालय में बैठे अफसर को पता चल जायेगा कि उस क्षेत्र में बिजली की क्या खपत है। अगर कहीं भी लाइन ट्रिप करता है, तो तुरंत फॉल्ट का पता लग जायेगा। अगर कोई चोरी से बिजली ली है तो सिस्टम मुख्यालय में बैठे अफसर के लैप टॉप या कंप्यूटर पर सिग्नल बता देगा।
आइटी स्कीम के तहत क्या हो रहा काम
आइटी स्कीम के तहत रांची, मेदिनीनगर, दुमका, जमशेदपुर, हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के पावर सब स्टेशनों की जीआइएएस मैपिंग की जा रही है। एसएमएस आधारित ट्रांसफॉर्मर सिस्टम और ऊर्जा मित्रों के लिये सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिससे घर में ही उपभोक्ताओं को बिल पेमंट की सुविधा होगी। सरल और समीक्षा के जरीये टीआरडब्ल्यू(ट्रांसफॉरमर रिपयेरिंग वर्क्स) में ट्रांसफॉरमर रिपयेंरिंग का डाटा आॅनलाइन रहेगा। इससे पता चलेगा कि कितने ट्रांसफॉर्मर को दुरुस्त किया गया है। टीआरडब्ल्यू में ट्रांसफॉर्मर कितने रिजर्व हैं यह भी पता चलेगा।
जल्द आयेगा सेल्फ बिलिंग एप्प
वितरण निगम सेल्फ बिलिंग एप्प जल्द ही लांच करेगा। इसके तहत उपभोक्ता खुद मीटर रीडिंग लेकर खुद बिल निकाल सकते हैं। वितरण निगम ने उपभोक्ताओं को यह भी सुविधा दी है कि भारत बिल पेमेंट सिस्टम से जितने भी बैंक जुड़े हैं, उससे उपभोक्ता बिल पेमेंट कर सकते हैं।
ऐसा है वितरण निगम का एक्शन प्लान
योजना | खर्च(करोड़ में) |
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना | 1000 |
इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट सिस्टम | 300 |
आरएपीडीआरपी पार्ट वन प्रोजेक्ट | 15.5 |
आरएपीडीआरपी पार्ट बी प्रोजेक्ट | 476.3 |
डीडीयूजीजेवाइ 12 वां प्लान | 126 |
एडीपी | 737 |
जेएसबीएवाइ | 10807 |
डिपोजिट व अन्य | 250.3 |
शहरी विद्युतीकरण | 900 |
आइटी, साइबर सिक्यूरिटी व स्कॉडा | 585.1 |
आइटी स्कीम | 184 |