ब्यूरो चीफ
रांची
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से राज्य भर में देशी शराब की बिक्री बॉटल पैक में करने की नयी व्यवस्था शुरू की गयी है. देशी शराब अथवा महुआ से निर्मित शराब अब पाउच में नहीं मिलेगा. यह बातें बुधवार को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहीं. उन्होंने कहा कि ई-लॉटरी विधि से शराब के दुकानों की बंदोबस्ती शुरू कर दी गयी है. पहली बार इस विधि से पहले चरण में 5762 और दूसरे चरण में 957 दुकानों की बंदोबस्ती की गयी. उन्होंने कहा कि झारखंड उत्पाद (मदिरा) की खुदरा बिक्री को लेकर दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन नियमावली 2018 भी राज्य भर में लागू कर दी गयी है. इसके अलावा कंट्री लिकर मैन्यूफैक्चरिंग बॉटलिंग एंड स्टोरेज रूल्स 2018 भी लागू किया गया है, जिसमें लाईसेंसधारियों को देशी शराब की पेट और कांच के बॉटलों में पैकेजिंग की सुविधा दी जायेगी.
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राज्य भर में जल्द ही बड़े रीटेल दुकानों और मॉल में भी महंगे बीयर और वाईन की बिक्री शुरू की जायेगी. इसके लिए इच्छुक लोगों से आवेदन भी मांगे गये हैं. राज्य में छोटे ब्रीवरीज की सुविधा बेंगलुरू, मुंबई, दिल्ली की तुलना में नहीं उपलब्ध करायी गयी है, पर बार का लाइसेंस देने पर सरकार अधिक उदार बनी है. बार का लाइसेंस भी बढ़ कर अब 146 तक पहुंच गया है. ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत स्पीरीट और और शराब पर लगनेवाले शुल्क, परिवहन कर को तार्किक बनाया गया है. आयात शुल्क को बढ़ाने के साथ-साथ निर्यात शुल्क को कम किया गया है.
राज्य कर्मचारी चयन आयोग को 635 पदों की नियुक्ति के लिए भेजी गयी अनुशंसा
राज्य कर्मचारी चयन आयोग को उत्पाद विभाग के 635 पदों के लिए अनुशंसा भेजी गयी है. इसमें अवर निरीक्षक और सहायक अवर निरीक्षक के 38 व 35 पद, उत्पाद लिपिक के 18 पद, चालक के 28 पद और उत्पाद सिपाही के 518 पद शामिल हैं. सरकार की तरफ से आठ उत्पाद निरीक्षक, 50 अवर निरीक्षक और 42 सहायक अपर निरीक्षक की बहाली कर ली गयी है.
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शराब के ट्रांसपोर्टेशन पर सरकार की नजर
सरकार ने ट्रैक एंड ट्रेस टेक्नोलॉजी के जरिये शराब के मूवमेंट पर नजर रखने का निर्णय लिया है. इसके लिए विशेष आइटी सेल भी बनाये जा रहे हैं. अवैध शराब की बिक्री न हो, इसके लिए टॉल फ्री नंबर और सभी दुकानों के समक्ष डिस्प्ले बोर्ड भी लगाये जा रहे हैं. शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए विज्ञापन पर पूरी तरह प्रतिबंध भी लगाया गया है.