ब्यूरो चीफ
रांची
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है, कि महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि खेत की मिट्टी को सेहतमंद करने के लिए सरकार जुट गयी है. आज मिट्टी की डॉक्टर दीदियों को पहचान पत्र व मिट्टी जांच हेतु मिनी लैब किट दिया जा रहा है, ताकि किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच उनके ही पंचायत व गांव में हो सके. किसानों को उस मिट्टी में किस फसल की खेती करनी चाहिए, कौन से खनिज की मात्रा बढ़ानी चाहिए इसकी जानकारी अब मिट्टी की डॉक्टर दीदियां उपलब्ध करायेंगी. मुख्यमंत्री राजधानी के होटवार स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मिट्टी के डॉक्टर अब 14 हजार रुपये तक कमा पायेंगी और उनके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा. इस कार्य से हर माह डॉक्टर दीदियां करीब 14 हजार रुपये कमा सकेंगी.मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड ऑर्गेनिक एक्सपो में विजेता झारखण्ड की दीदियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि जल्द ही 100 किसानों को फिर इजरायल भेजा जाएगा. इनमें 50 पुरुष किसान, 25 सखी मंडल की बहनें और 25 महिला किसान शामिल होंगी.
रानी मिस्त्री की तरह डॉक्टर दीदियां मिसाल कायम करेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार राज्य की महिलाओं ने रानी मिस्त्री बनकर झारखंड को खुले में शौच से मुक्त किया, उसी तरह डॉक्टर दीदियां भी किसानों की मिट्टी को सेहतमंद बनाकर किसानों की आर्थिक समृद्धि और अधिक उत्पादन की वाहक बनेंगी. सरकार की मंशा भी यही है कि किसान समृद्धि शाली बनें, उनकी आय दोगुनी हो. राज्य सरकार कॄषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के कथन अनुसार कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रही है. खेती की उत्पादकता बढ़ाने की पांच समस्याओं मिट्टी, पानी, कर्ज या बीमा, उत्पादन और तकनीक पर ध्यान दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम उन महिला उद्यमियों को समर्पित है, जिन्होंने मिट्टी के डॉक्टर के रूप में खुद को स्थापित करने का प्रयास किया. अब पंचायत स्तर पर किसानों की मिट्टी की जांच कर मिट्टी में मौजूद बीमारी के संबंध में उन्हें बताया जाएगा. इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. क्योंकि गांव का हर परिवार मिट्टी से जुड़ा हुआ है. आज मिट्टी की डॉक्टर दीदियों को मिट्टी जांच हेतु किट दिया जा रहा है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक प्रयास है. राज्य सरकार ने 25 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड के विरुद्ध 17 लाख कार्ड बनाए हैं.
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कृषि व पशुपालन सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि डॉक्टर दीदियों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखा गया है. 8 दिन में 434 दीदियों को प्रशिक्षित किया जायेगा. प्रशिक्षण के बाद सभी मिट्टी के डॉक्टर किसानों को खेती की मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्गत करेंगे एवं मिट्टी में क्या-क्या कमी है किसान को बताएंगे. मौके पर मिट्टी की डॉक्टर पंचमी देवी, पार्वती देवी, मेघा देवी ने एक मिट्टी की डॉक्टर के रूप में अपना अनुभव लोगों के समक्ष साझा किया.
सीएम ने दिया पहचान पत्र
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मेघा देवी, सुमन देवी, ममता कुमारी, सुशीला बेदिया, पार्वती कुमारी को सांकेतिक तौर पर मिट्टी की डॉक्टर के रूप में पहचान पत्र व इंदुमती देवी, मुनिता कुमारी, गीता देवी एवं मंजू देवी को सांकेतिक रूप से प्रोत्साहन राशि प्रदान की. मुख्यमंत्री ने मिट्टी का डॉक्टर के लोगों का अनावरण भी इस अवसर पर किया. मुख्यमंत्री ने प्रमिला देवी, रोपनी देवी, सुगण देवी, सोमा देवी को मिनी लैब किट एवं गोमती उराईन, संगीता देवी, पियो देवी और सुकरु देवी को सांकेतिक तौर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड सौंपा.