दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। इसमें जहां सत्ता पक्ष संत रविदास मंदिर सहित अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को घेरेगा, वहीं विपक्ष के नेता भी कई मामलों को लेकर AAP सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। ऐसे में दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार बन रहे हैं।
आज से शुरू होने वाले चार दिवसीय मानसून सत्र के दौरान विपक्ष अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के मामले पर धन्यवाद प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। वहीं सत्तापक्ष के सदस्य संत रविदास के मंदिर को तोड़ने के मामले पर सदन में चर्चा करा सकते हैं।
इस मामले में डीडीए और केंद्र पर हमला किया जा सकता है। दोपहर दो बजे से शुरू होने वाले सदन में पहली कार्यवाही के दौरान दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज व शीला दीक्षित और पूर्व विधायक मांगेराम गर्ग को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद प्रश्नकाल की शुरुआत होगी।
प्रश्नकाल के बाद विशेष उल्लेख नियम 280 के तहत सदस्यों को अपने क्षेत्र के मामले उठाने की इजाजत दी जाएगी। इसके बाद बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन डीईआरसी की वार्षिक रिपोर्ट सदन के पटल पर पेश करने के साथ कई अन्य प्रतिवेदन सदन में पेश करेंगे।
वहीं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी अपने विभाग से संबंधित प्रतिवेदनों को पेश करेंगे। इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्य संजीव झा, नितिन त्यागी और बंदना कुमारी दिल्ली सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र में किए गए सुधारों पर रखी गई चर्चा में भाग लेंगे। इसके अलावा नगर निगम में भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति की रिपोर्ट भी सदन में पेश की जा सकती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व होने वाले मानसून सत्र के दौरान चुनावी घोषणाओं के लिए सदन से बजट की अनुमति दिलाएगी। सरकार इस दौरान 200 यूनिट तक फ्री बिजली, महिलाओं को फ्री बस यात्र का लाभ देने व बसों में महिला सुरक्षा के लिए मार्शल तैनात करने जैसे कई विषयों पर कम से कम 900 करोड़ रुपये खर्च करने संबंधी प्रस्ताव विधान सभा में पेश करेगी।
सूत्रों के अनुसार एक वर्ष तक दिल्ली के नागरिकों को 200 यूनिट फ्री बिजली देने हेतु दिल्ली सरकार को 600 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इस मद में ऊर्जा विभाग ने अभी 535 करोड़ रुपये की ग्रांट प्राप्त करने हेतु मसौदा तैयार कर लिया है। इसे विधानसभा में पेश कर इस पर सदन की अनुमति ली जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने वर्ष 2019-20 के लिए पांच सदस्यों को विधानसभा तालिका में मनोनीत किया है। इसमें चौ. फतेह सिंह, मदनलाल, गिरीश सोनी, बंदना कुमारी व जगदीश प्रधान शामिल हैं। इन सदस्यों की अहमियत तब बढ़ जाती है, जब बीमार होने या अन्य किसी कारण से विधानसभा अध्यक्ष सदन के संचालन में नहीं पहुंच पाते हैं। तब इन सदस्यों में से किसी को सदन चलाने की अनुमति दी जा सकती है।