भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण अभियान शुरू कर दिया है। इसमें देश के सभी राज्यों के सरकारी स्कूलों के 42 लाख शिक्षकों को किताबी ज्ञान के साथ खेल-खेल में पढ़ाई, लर्निंग आउटकम, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। खास बात है कि इस प्रोग्राम में शिक्षकों को क्लासरूम के साथ-साथ फेसबुक, व्हाट्सएप के माध्यम से भी ट्रेनिंग मिलेगी।
दिल्ली में बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नेशनल इंसिएटिव ऑन स्कूल टीचर हेड हॉलीस्टिक एडवांसमेंट का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब आईएएस बनना आसान होगा पर शिक्षक नहीं। शिक्षक एक छात्र का नहीं पूरे देश का निर्माता होता है। शिक्षक की कक्षा से वैज्ञानिक, प्रशासनिक, राजनेता, अभिनेता, शिक्षक, डॉक्टर और समाज सेवक निकलते हैं। ऐसे में यदि शिक्षक ही कमजोर होगा तो देश का विकास और भविष्य दोनों खतरे में हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक बनने की पढ़ाई के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जा रहा है। अब ऐसे ही कोई भी शिक्षक नहीं बन पाएगा। निशंक ने कहा, ट्रेनिंग में पॉक्सो एक्ट और दिव्यांगजन के लिए किस प्रकार के दिशा-निर्देश की भी पढ़ाई करवाई जाएगी। इससे पहले भारत सरकार की स्कूल शिक्षा सचिव रीना रे ने शिक्षकों की ट्रेनिंग पर पहले और नई ट्रेनिंग पर विस्तार से जानकारी दी।
- भाषा, मैथ, सोशल साइंसेज पर मुख्य रूप से फोकस
- पढ़ाने के ढंग के साथ लीडरशिप की भी ट्रेनिंग
- शिक्षकों की ट्रेनिंग का मंत्रालय ऑनलाइन निगरानी करेगा
- इस दौरान उनकी प्रतिदिन हाजिरी की भी जांच होगी
- उन्हें काउंसलिंग करके दिक्कतों को दूर किया जाएगा
- ताकि वे विद्यार्थियों की दिक्कतों को अच्छे से समझ सकें