मप्र.: शिवराज कैबिनेट के विस्तार पर लग रही अटकलों पर विराम लग गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने शिवराज कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुलसी सिलावट को मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि साथी तुलसी सिलावट जी को मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई. अब एक नई ऊर्जा के साथ हम साथ मिलकर मध्य प्रदेश की प्रगति एवं विकास के लिए कार्य करेंगे. मुझे विश्वास है कि सशक्त और समर्थ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का सपना तेजी से साकार होगा.
गोविंद सिंह राजपूत का राजनीतिक सफर
सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. 2002 से 2020 तक प्रदेश कांग्रेस के महासचिव और उपाध्यक्ष के पद पर रहे. उन्होंने 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता. उन्हें कांग्रेस विधायक दल के सचेतक की जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी थी. 2008 में दूसरी बार विधायक बने लेकिन 2013 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2018 में भाजपा उम्मीदवार सुधीर यादव को हरा कर राजपूत एक बार फिर विधायक बन गए. उन्हें कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व विभाग की जिम्मेदारी मिली.
राजपूत 10 मार्च 2020 को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. शिवराज सरकार में उन्हें खाद्य और सहकारिता मंत्री बनाया गया. राजपूत उन पांच मंत्रियों में शामिल रहे, जिन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट का सदस्य बनाया था. मंत्रिमंडल के विस्तार में राजपूत को फिर से परिवहन और राजस्व विभाग दिया गया. छह माह की अवधि समाप्त होने के कारण उन्हें मंत्री पद से 20 अक्टूबर को इस्तीफा देना पड़ा था. राजपूत ने उपचुनाव में कांग्रेस की पारुल साहू को हराया और चौथी बार विधायक बने.
तुलसी सिलावट का राजनीतिक सफर
सांवेर विधायक तुलसी सिलावट 1977 से 1979 तक इंदौर के शासकीय आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज तथा 1980-81 में देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे. 1982 में इंदौर में पार्षद बने. 1985 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता और उन्हें संसदीय सचिव की अहम जिम्मेदारी दी गई. 1995 में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने. इसके बाद 1998-2003 तक ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली.
इस दौरान उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया. 2007 में उपचुनाव में कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकिट दिया और वे जीते. इसके बाद 2008 के आम चुनाव में जीत हासिल हुई. सिलावट 2018 में चौथी बार विधायक बने और कमलनाथ सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. उन्हें स्वास्थ्य विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई. 10 मार्च 2020 को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. शिवराज सरकार में उन्हें जल संसाधन और मछुआ कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर वे 5वीं बार विधायक बने.