नई दिल्लीः साल 2006 में इस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जनवरी के दिन विश्व हिंदी दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी. विश्वभर में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए विश्व हिंदी दिवस को मनाया जाता है. इसलिए विश्व में हिंदी को पसंद करने वालों के लिए आज दिन बेहद खास होता है. विश्व में हिंदी भाषा को अलग पहचान दिलाने और अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए विश्व हिंदी दिवस को मनाया जाता है.
‘हिंदी दिवस’ और ‘विश्व हिंदी दिवस’ दो अलग दिवस
‘हिंदी दिवस’ और ‘विश्व हिंदी दिवस’ दो अलग तिथियां और दिवस हैं. देश में हिंदी भाषा प्रसार-प्रचार के लिए 14 सिंतबर 1949 के दिन संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था. इसलिए तब से इसे दिन ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. वहीं 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया जाता है. भारत में हिन्दी भाषा का इतिहास इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित है. वहीं पूरे विश्व को हिंदी भाषा के जरिए एक सूत्र में बांधने के लिए हर साल ‘विश्व हिंदी दिवस’ का आयोजन किया जाता है.
पहली बार महाराष्ट्र में हुआ विश्व हिंदी सम्मेलन
बता दें कि सबसे पहले साल 1975 में 10 जनवरी के दिन पहली बार विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था. यह आयोजन दुनियाभर में हिंदी को अलग पहचान दिलाने के लिए महाराष्ट्र के नागपुर में किया गया. इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
आज हो रहे कई आयोजन
विश्व हिंदी दिवस के मौके पर देशभर में सरकारी कार्योलयों सहित विदेशों के भारतीय दूतावास में कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं. जिसमें हिंदी विषय पर कविताओं, निबंध प्रतियोगिता समेत कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. बता दें कि देश के बाहर सबसे पहले नार्वे के दूतावास में हिंदी दिवस मनाया गया था.