रांची: झारखंड के पत्रकारों के लिए खुशखबरी है। वैसे पत्रकार जो 20 साल से पत्रकारिता कर रहे हों, और 58 साल में रिटायरमेंट के बाद उन्हें 7500 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगा। लेकिन पत्रकारिता नियमित और पूर्णकालिक होनी चाहिए। बैनर चेंज इसमें बाधा नहीं बनेगी। पत्रकार की मृत्यु के बाद पेंशन की 50 फीसदी राशि फैमिली पेंशन के रूप में जीवन पर्यंत दी जाएगी। लेकिन इसके लिए पीएफ को आधार माना जाएगा।
पेंशन के लिए निदेशक जनसंपर्क की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। जिसमें हिंदी, ऊर्दू, अंग्रेजी अखबारों के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि होंगे। सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होगा। जो सदस्य एक बाद कमेटी में शामिल होंगे, उन्हें दूसरी बाद कमेटी में जगह नहीं मिलेगी। यह पेंशन एक जनवरी 2015 के बाद जो पत्रकार रिटायर हुए हैं, उनके लिए ही लागू होगा। यह नियमावली अधिसूचना जारी होते ही लागू हो जाएगी। सीएम के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने बताया कि जल्द पत्रकारों को स्वाथ्य बीमा का भी लाभ मिलेगा। पत्रकार कल्याण कोष पर भी काम हो रहा है।
झारखंड राज्य राजभाषा तथा सिविल सेवा पुरस्कार नियमावली गठित
राज्य सरकार ने झारखंड राज्य राजभाषा तथा सिविल सेवा पुरस्कार नियमावली को स्वीकृति दे दी है। इसके तहत अटल स्मृति उदीयमान साहित्यकार जिनकी उम्र 40 साल से कम होगी, उनके उत्कृष्ट साहित्य के लिए एक लाख रुपए पुरस्कार दिए जाएंगे। वहीं अटल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार के तहत उत्कृष्ट पत्रकार को भी एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके चयन के लिए पीआरडी सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी होगीष। वहीं अटल स्मृति उत्कृष्ट सिविल सेवा पुरस्कार के तहत मेडल और प्रशस्ति पत्र दिये जाएंगे। अगर इस श्रेणी में नकद राशि देने की नौबत आएगी तो कार्मिक विभाग इस पर निर्णय लेगा। कैबिनेट की बैठक में झारखंड विज्ञापन नियमावली 2019 को भी स्वीकृति दी गई।