नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2021) पेश कर दिया है. चालू वित्त वर्ष के लिए GDP का अनुमान -7.7 फीसदी लगाया गया है. इकोनॉमिक सर्वे में जीडीपी ग्रोथ चीन से भी ज्यादा रहने का अनुमान है. आर्थिक विकास की रफ्तार में कृषि की भूमिका अहम होगी. हेल्थकेयर सेक्टर पर सभी की निगाहें होंगी. खुदरा महंगाई दर में सुधार होने से सप्लाई साइड पर दबाव कम हुआ है. इससे खाद्य महंगाई दर प्रभावित हो रही थी. सरकार की भूमिका होगी कि वो तत्परता से हेल्थकेयर सेक्टर को आकार दे. आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि इससे जानकारी मिलती है कि सरकार को किस रफ्तार से अर्थव्यवस्था के दुरुस्त होने की उम्मीद है. सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) का रोडमैप भी है. साथ ही, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है.
आइए जानते हैं इकोनॉमिक सर्वे की कुछ खास बातें…
1 – वित्त वर्ष 2022 में पॉजिटिव ग्रोथ की संभावना है. वित्त वर्ष 2021 में सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निगेटिव ज़ोन में रहा है. वित्त वर्ष 2022 में रियल जीडीपी (Real GDP) ग्रोथ का अनुमान 11 फीसदी पर रखा गया है. वित्त वर्ष 2022 में नॉमिनल जीडीपी (Nominal GDP) का अनुमान 15.4 फीसदी पर रखा गया है. इसी महीने जारी किए गए अपने एडवांस आकलन में केंद्रीय सांख्यिकी कार्याल/ (CSO) ने कहा है कि 2020-21 के लिए आर्थिक ग्रोथ -7.7 फीसदी रहेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कहना है कि 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 11.5 फीसदी रहेगी और 2022 में यह 6.8 फीसदी के आसपास रहेगी.
2 – अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में पूरी रिकवरी देखने को मिलेगी. कोरोना वायरस महामारी की वजह से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है. भारत में V-Shaped रिकवरी देखने को मिली है.
3 – इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि निवेश बढ़ाने वाले कदमों पर जोर रहेगा. ब्याज दर कम होने से बिजनेस एक्टिविटी बढ़ेगी. इसमें बताया गया कि कोरोना वैक्सीन से महामारी पर काबू पाना संभव है और आगे इकोनॉमिक रिकवरी के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है.
4 – सर्वेक्षण में लिखा गया, ‘भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स फंडामेन्टल्स के बारे में जानकारी नहीं देते हैं. इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को BBB- की रेटिंग मिली हो. भारत की वित्तीय नीति का फंडामेंटल मजबूत है. भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 2.8 स्टैंडर्ड डिविएशन को कवर करने में सक्षम है. यह महत्वपूर्ण है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग मेथोडोलॉजी को पारदर्शी बनाया जाएगा.’
5 – 23 दिसंबर 2020 तक भारत सरकार ने 41,061 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है. देशभर में 39,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स के जरिए 4,70,000 लोगों को रोजगार मिला है. 1 दिसंबर 2020 तक SIDBI ने सेबी के पास रजिस्टर्ड 60 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AFIs) को 4,326.95 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है. यह स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स के जरिए जारी किया जाए, जिसमें कुल 10,000 करोड़ रुपये का फंड है.