नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति तक बन रही है. वहीं, चीन की नापाक हरकत को लेकर एक और खुलासा हुआ है. बताया गया है कि चीन की कुछ कंपनियों द्वारा भारत में जासूसी की जा रही है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री तक, मुख्यमंत्री से लेकर सेना के वरिष्ठ अफसरों तक की जासूसी की जा रही है. इसके अलावा, देश के प्रमुख उद्योगपतियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारी भी चीन के निशाने पर हैं.
प्रधानमंत्री से लेकर एक मेयर तक शामिल
एक रिपोर्ट में दावा किया है कि शेनजेन बेस्ड चीनी कंपनी ‘झेनझुआ डाटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड’ भारत में करीब दस हजार लोगों की निगरानी कर रही है. इस कंपनी का चीन की सरकार और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से सीधा संबंध है. इस चीनी कंपनी की करीब दस हजार भारतीयों पर नजर है, जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर एक मेयर तक शामिल है.
रिपोर्ट में बताया गया है ‘झेनझुआ डाटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड’ की ओर से जिन भारतीयों पर नजर रखी जा रही है. उनमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक और शिवराज सिंह शामिल हैं.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल सहित अन्य लोग शामिल हैं. वहीं, सीडीएस बिपिन रावत और सेना, नौसेना और वायुसेना के 15 पूर्व प्रमुख समेत आला अधिकारी भी चीन की निगरानी में हैं.
बीजिंग की तरफ से कंपनी के माध्यम से भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे, जज एएम खानविल्कर, लोकपाल जस्टिस पी सी घोष और नियंत्रक और महालेखा परीक्षक जी सी मुर्मू तक की जासूसी करवाई जा रही है. वहीं, भारत पे के संस्थापक निपुण मेहरा, रतन टाटा और गौतम अडानी सरीखे लोग भी चीन की नापाक निगरानी पर है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के निशाने पर नेताओं के अलावा सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी, फिल्म डायरेक्टर श्याम बेनेगल, सोनल मानसिंह, राधे मां जैसे विवादित लोग भी हैं. इस सूची में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनका भारत में क्राइम का रिकॉर्ड है. ये सूची और भी बड़ी है, जिसमें 10 हजार के करीब प्रमुख लोग शामिल हैं.