BNN DESK: जिंदगी जीना है तो मास्क की आदत डालनी ही होगी. सही तरिके से मास्क का इस्तेमाल आपको कोरोना से काफी हद तक बचा सकता है. दरअसल, मास्क 90 प्रतिशत तक वायरस को रोक लेता है. बाकी 10 प्रतिशत वायरस के शरीर में पहुंचते ही इंसान की प्रतिरोधक क्षमता सक्रिय हो जाती है और एंटीबॉडीज बनने लगती हैं. विशेषज्ञों के अध्ययन में भी यह बात सामने आई है.
वरिष्ठ छाती एवं सांस रोग विशेषज्ञ (पल्मनोलॉजिस्ट) ने बताया कि विश्व की सबसे प्रसिद्ध मेडिकल जनरल में शुमार न्यूज इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने भी इस संबंध में रिसर्च को प्रकाशित किया है.
डॉ. ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति ने मास्क से सही तरीके से मुंह और नाक को ढका हुआ है तो 10 प्रतिशत वायरस ही शरीर में जा पाता है. शरीर कम संख्या में वायरस से लड़ने की क्षमता रखता है और संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडीज भी तैयार करने लगता है.
कमजोर होती है इनकी मारक क्षमता
कम मात्रा में वायरस होने के कारण यह मृत हो जाते हैं और किल्ड वायरस के रूप में शरीर में रहते हैं. इनकी मारक क्षमता कमजोर होती है. इसलिए एंटीबॉडी ज्यादा मात्रा में बनती हैं और वायरस शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता.
कोविड केयर सेंटर के नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ फिजीशियन ने बताया कि जब तक वैक्सीन नहीं आती, मास्क ही कोरोना से बचने का कारगर उपाय है. बशर्ते कि लोग इसे सही तरीके से नाक और मुंह ढक कर पहनें. संक्रमित व्यक्ति के खांसने के बाद उसके ड्रॉपलेट मास्क के बाहर सतह पर ही रुक जाते हैं.
इससे वायरस बहुत कम संख्या में शरीर में जा पता है. इम्यूनिटी पावर ठीक है तो शरीर वायरस से लड़ने में सक्षम होता है. डॉ. ने बताया कि मास्क को बाहर की तरफ नहीं पकड़ना चाहिए. क्योंकि बाहरी सतह पर वायरस हो सकते हैं. अंदर की तरफ से ही अंगुलियों के सहारे मास्क को एडजस्ट करना चाहिए. अगर मजबूरी में मास्क को बाहर से छूना भी पड़े तो हाथों को तुरंत सैनिटाइज कर लें या अच्छी तरह साबुन से धो लें.