नई दिल्ली. सुरक्षा एजेंसियों को ठेंगा दिखाते हुए दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा का आरोपी लक्खा सिधाना बठिंडा में मंगलवार को आयोजित एक किसान महारैली में पहुंच गया. लक्खा रैली के मंच पर मौजूद है और बताया जा रहा है कि वह किसानों के सामने भाषण भी देगा. मौके पर भारी संख्या में पंजाब पुलिस के जवान मौजूद हैं. इतना ही नहीं, किसान नेता पुलिस को कह रहे हैं कि अगर हिम्मत है, तो वे लक्खा को पकड़कर दिखाए.
बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा मामले में लक्खा सिधाना दिल्ली पुलिस का वांछित आरोपी है. उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है. यह महारैली महराज गांव में हो रही है, जो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव भी है.
26 जनवरी हिंसा मामले में वांछित लक्खा सिधाना ने बीती 2 फरवरी को पंजाब के एक गुरुद्वारे से 20 मिनट का वीडियो जारी कर वहां के लोगों से दिल्ली धरने में जाने का आग्रह किया था. 20 मिनट के वीडियो में उसने कहा था कि पंजाब को जब-जब नजर अंदाज किया, दबाया और कुचला गया है वो तब-तब अपने पांव पर खड़ा होता रहा है. सिधाना ने कहा, ‘पंजाब जिसने समय-समय पर बड़े योद्धाओं और सूरमाओं को जन्म दिया, उस पंजाब ने किसी का अहंकार नहीं झेला है. वह पंजाब जो दीन-दुनिया का रक्षक रहा, जो मानवता के लिए लड़ता रहा उसके लिए आओ मेरे पुत्रों आज फिर हमारे अस्तित्व पर बात आ गई है. बात मेरे वजूद पर आ गई है, उठो मेरे पुत्रों उठो. आज मुझे तुम्हारी जरूरत है.’ इसी वीडियो में उसने बठिंडा के महराज गांव में हो रही रैली के लिए पंजाब के किसानों को इकट्ठा होने के लिए कहा था.
गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसान संगठनों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग से अलग हो गए थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई थी. अनेक प्रदर्शनकारी लालकिले में प्रवेश कर गए थे. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों की पहचान करने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं. पुलिस ने लालकिला परिसर में तोड़फोड़ किए जाने की घटना को ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि’ बताया है.
केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग के समर्थन में किसान संगठनों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़प हुई थी. अनेक प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लालकिला परिसर पहुंच गए थे, जबकि उनमें से कुछ ने इस ऐतिहासिक स्मारक के गुंबदों और उस प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगा दिया था, जहां देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर ध्वाजारोहण करते हैं