परिजनों का आरोप है कि 2 घंटे तक समझाने के बावजूद कब्रिस्तान समिति ने लाश दफन नहीं करने दी. इसके बाद प्रशासन और समाजसेवियों ने हिंदू श्मशान भूमि प्रबंधन समिति से बातचीत की. इसके बाद बुजुर्ग के शव का दाहसंस्कार हुआ.
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बुजुर्ग मालवणी के न्यू कलेक्टर कंपाउंड में रहते थे. बुधवार तड़के जोगेश्वरी पूर्व स्थित अस्पताल में उनका निधन हुआ. परिजनों का आरोप है कि कब्रिस्तान समिति ने इसलिए शव को दफनाने की इजाजत नहीं दी, क्योंकि बुजुर्ग की मौत कोरोनावायरस के चलते हुई थी. इस घटना के बाद मालवणी में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
मामला सामने आने के बादमालवणी के न्यू कलेक्टर कंपाउंड के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
महाराष्ट्र के मंत्री और मालवाणी के विधायक असलम शेख ने कहा, “सरकारी निर्देशों के अनुसार, कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले मुस्लिमों को एक कब्रिस्तान में दफन किया जाना चाहिए, जो उस हॉस्पिटल के सबसे करीब हो और जहां रोगी की मृत्यु हुई थी.
मालवणी का जो मामला है, उसमें मृतक के परिजन कब्रिस्तान के ट्रस्टियों और अन्य संबंधित लोगों को बताए बिना शव कब्रिस्तान ले गए.
फिर शव को दफनाने की मांग की. हालांकि, जिन लोगों ने निर्देशों का उल्लंघन किया है, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस घटना से एक दिन पहले एक और कोरोनो वायरस पीड़ित को उसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था.