ज्योत्सना,
खूंटी : तजना जलाशय निर्माण को लेकर भू-अर्जन विभाग के पदाधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और कहा कि ग्रामीणों की सहमति के बगैर जलाशय का निर्माण नहीं कराया जाएगा. भू-अर्जन विभाग से आये पदाधिकारीयों ने कहा कि तजना जलाशय निर्माण योजना कार्य काफी दिनों से विभाग में अधूरा पड़ा हुआ और सही निर्णय नहीं होने के कारण मुद्दा खड़ा हो रहा है. सरकार ग्राम सभा के सहमती के बिना कोई कार्य नहीं करेगी, ना ही सरकार ग्रामीण जनता की जमीन छीनना चाहती है.
तजना जलाशय निर्माण से हारुहप्पा और आसपास के छह गांव प्रभावित होंगे. प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ भू-अर्जन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामसभा की बैठक में भाग लिया, लेकिन ग्रामीणों ने बैठक में जलाशय निर्माण को स्थानीय ग्रामीणों के लिए अहितकर बताया और विरोध करने लगे. भू-अर्जन विभाग वापस जाओ के नारे लगाकर तजना जलाशय निर्माण के रखा गया, ग्राम सभा का बहिष्कार भी किया. वहीं खूंटी जिला उपायुक्त द्वारा निर्धारित ग्राम सभा पर पहुंचे भू-अर्जन विभाग पदाधिकारीयों को हरुहप्पा ग्राम सभा के सदस्यों ने तजना जलाशय निर्माण मेंं जमीन देने से इंकार किया और कहा कि तजना जलाशय से प्रभावित छह गांव के ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन वर्ष 2013 में राज्यपाल झारखंड सरकार, जिला उपायुक्त खूंटी व भू-अर्जन विभाग खूंटी को सौंपी जाने की बात कहीं गयी. लेकिन भू अर्जन विभाग बार-बार तजना जलाशय मुद्दे को उठाकर हम ग्रामीणों को परेशान कर रही है- जल, जंगल, जमीन आदिवासी मूलवासी का अस्तित्व है और आजीविका जुड़ा हुआ है, जिसे बचाने को लेकर पूर्वज वर्षों से संघर्ष करते आ रहे है.
ग्रामीणों ने तजना जलाशय निर्माण को अभिशाप बताया और कहा कि तजना जलाशय योजना हमेशा के लिए खत्म किया जाए. हरुहप्पा ग्रामसभा के ग्रामीणों ने तजना जलाशय निर्माण का विरोध जताते हुए ग्रामसभा की रजिस्टर पर भू-अर्जन विभाग से आये अधिकारियों को हस्ताक्षर करने को कहा, तो अधिकारियों ने हस्ताक्षर करना अपने अधिकार क्षेत्र से बहार बताते हुए बैरंग वापस लौटें.