चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की पांचवीं और आखिरी परिक्रमा रविवार को सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. अब लैंडर विक्रम को अंतरिक्ष यान से अलग करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसरो ने बताया कि विक्रम सोमवार को चंद्रयान-2 से अलग हो जाएगा और चंद्रमा पर उतरने के लिए बढ़ चलेगा. अब तक मिशन के सभी मापदंड सही पाए गए हैं.
बेंगलूरू मुख्यालय से इसरो ने बताया कि रविवार शाम छह बजकर 21 मिनट पर चंद्रयान-2 ने पांचवीं परिक्रमा पूरी कर ली. इस दौरान उसने यान में लगाए गए प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया. इस प्रक्रिया में कुल 52 सेकंड लगे. इस समय चंद्रयान-2 चंद्रमा के 119 गुणा 127 के परिक्रमा पथ पर आ चुका है. अब अगला चरण लैंडर विक्रम का यान से अलग होना है, जो सोमवार को दोपहर 12:45 बजे से 13:45 बजे के बीच पूरा किया जाएगा.
इसके बाद लैंडर विक्रम सोमवार व मंगलवार को दो बार परिक्रमा पथ पर अपनी जगह बदलेगा. इसरो चेयरमैन के सिवन के अनुसार इसके बाद वह चंद्रमा पर उतरने के लिए बढ़ चलेगा. उसे सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया से पहुंचाया जाना है. यह बेहद रोमांचक लेकिन तनाव भरा समय होगा, भारत ने आज तक ऐसा काम नहीं किया है. 22 जुलाई को भारत की धरती से छोड़े गए चंद्रयान-2 ने 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था.
सात तारीख रात 1:30 बजे लैंडिंग
भारत इतिहास रचने जा रहा है. सात सितंबर की रात 1:30 बजे विक्रम और इसके भीतर मौजूद रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. इस प्रक्रिया में करीब 60 मिनट लगेंगे और यह 2:30 मिनट पर पूरी होगी. लैंडिंग के बाद सुबह 5:30 बजे से 6:30 बजे के बीच विक्रम से निकलकर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर चलेगा और विभिन्न प्रयोग करेगा. विक्रम और प्रज्ञान दोनों विभिन्न प्रयोगों को पूरे एक चंद्र दिन (पृथ्वी केे 14 दिन) में अंजाम देंगे. इस दौरान उनका जोर बर्फ, धातु और खनिजों की खोज सहित चंद्रमा, पृथ्वी व सौरमंडल के इतिहास से जुड़े तथ्यों को तलाशने पर होगा.
हर क्षण निगरानी जारी
इसरो के टेलीमैट्री, ट्रैकिंग व कमांड केंद्र से चंद्रयान-2 मिशन की हर क्षण निगरानी की जा रही है. इसरो ने बताया कि इस काम में बेंगलूरू के निकट ब्यालालु स्थित भारतीय गहन अंतरिक्ष नेटवर्क एंटीना से सहयोग लिया जा रहा है.
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