रांची: हिमोफीलिया एक अनुवांशिकी बीमारी तथा जन्मजात रोग है और झारखंड में पांच हजार की जनसंख्या पर एक व्यक्ति इस रोग से ग्रसित है. राष्ट्रीय स्तर पर संपन्न हिमोलिया ट्रिटमेंट कनेलैभ्ज्ञ में तथ्य सामने आया है कि देश में 10 हजार नये जन्म पर एक हिमोफिलिया से ग्रसित है.
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रांची में 750 हिमोफीलिया ग्रसित रोगी निबंधित है. हिमोफीलिया और थैलेसीमिया मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य के प्रत्येक जिला में चरणबद्ध तरीके से डे केयर सेंटर की स्थापना की जा रही है. वर्त्तमान में हिमोफीलिया एवं थैलेसीमिया मरीजों के इलाज के लिए तीन मेडिकल कॉलेज रिम्स, एजीएमसीएच जमशेदपुर और शहीद निर्मल महतो कॉलेज एवं अस्पताल धनबादत था पांच जिलों रांची, पूर्वी सिंहभूम, दुमका, पलामू और गिरिडीह के सदर अस्पताल में डे केयर सेंटर कार्यरत है. जहां मरीजों को दवा फैक्टर, फिजियोथेरानी एवं रक्ताधान की सुविधा उपलब्ध है.
चालू वित्तीय वर्ष में 3 अन्य जिलों कोडरमा, बोकारो और सरायकेला-खरसावं में डे केयर सेंटर की स्थापना की जा रही है. जिसके लिए आवश्यक संसाधन संसाधन तथा राशि उपलब्ध करा दी गयी है. अगले वित्तीय वर्ष में 13 अन्य जिलों चतरा, गढ़वा, गोड्डा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, रामगढ़, खूंटी, हजारीबाग, गुमला, साहेबगंज एवं पश्चिमी सिंहभूम में डे केयर सेंटर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है. वर्तमान में राज्य में संचालित 8 डे केयर केंद्रों के माध्यम से हिमोफीलिया एवं थैलेसीमिया के मरीजों का इलाज किया जा रहा है और कोडरमा, बोकारो तथा सरायकेला-खरसावां जिला में डे केयर स्थापन कार्य प्रक्रियाधीन है.