रानू मंडल के अलावा लता मंगेशकर ने अपने इंटरव्यू में अन्य सिंगर्स को भी सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘वास्तविक रहें। हर तरह से मेरे और अन्य लोगों के सदाबहार गाने गाए जाते हैं। लेकिन एक बिंदू के बाद गायक को अपना गाना खुद ढूंढना चाहिए।’ इस बारे में बात करते हुए लता मंगेशकर ने अपनी ही बहन आशा भोसले का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘अगर आशा भोसले ने अपने अंदाज में गाने नहीं गाए होते तो वह हमेशा मेरी परछाईं बनकर ही रह जाती। वह इस बात का उदाहरण हैं कि किसी एक व्यक्ति की प्रतिभा उसे कितनी दूर तक ले जा सकती है।
पश्चिम बंगाल की रानू मंडल की सफलता आसमान छू रही है। राणाघाट के रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर अपना पेट पालने वाली रानू मंडल अब बॉलीवुड में भी जाना-माना चेहरा बन चुकी हैं। उनकी आवाज से प्रभावित होकर खुद बॉलीवुड सिंगर हिमेश रेशमिया ने भी उनसे फिल्म में गाना गाने का अनुरोध किया। रानू मंडल ने राणाघाट रेलवे स्टेशन पर रहते हुए लता मंगेशकर का ‘एक प्यार का नगमा है…’ गाना गाकर प्रसिद्धि हासिल की। हाल ही में उनकी इस प्रसिद्धि पर खुद लता मंगेशकर ने भी अपनी राय पेश की है। लता मंगेशकर ने रानू मंडल की तारीफ करने के साथ ही उनके लिए चिंता भी जताई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लता मंगेशकर ने रानू मंडल की इस प्रसिद्धि को लेकर एक इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे नाम और काम से किसी का भला होता है तो मैं अपने आप को खुश किस्मत समझती हूं। इसके आगे उन्होने रानू मंडल पर अपनी राय पेश करते हुए कहा, ‘लेकिन मैं यह भी महसूस करती हूं नकल सफलता के लिए स्थाई और टिकाऊ साधन नहीं है। मेरे, किशोर दा (किशोर कुमार), मोहम्मद रफी और आशा भोंसले के गाने गाकर आप कुछ समय के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं। लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चलती है।’