बंगलूरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिक लैंडिंग की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सभी का ध्यान विक्रम की गतिविधि पर टिका है. इसरो अध्यक्ष के. सिवन भी लैंडिंग को बेहद चुनौतीपूर्ण बता चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो पहुंचकर 70 स्कूली बच्चों के साथ सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखेंगे.
ऐसे होगी लैंडिंग
- रात 1 से 2 बजे के बीच विक्रम और इसमें रखे रोवर ‘प्रज्ञान’ को बूस्टर प्रोपल्शन सिस्टम की मदद से लैंडिंग के लिए तैयार किया जाएगा
- 1:30 से 2:30 के बीच विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा.ध्रुव के इस हिस्से में आज तक कोई देश लैंडिंग नहीं कर सका है.
- 5:30 से 6:30 के बीच छह पहिये वाला 27 किलो का प्रज्ञान लैंडर से निकलेगा। यह चांद की सतह पर 500 मीटर चलेगा.
- इसके पहियों पर उकेरा गया राष्ट्रचिह्न चांद की सतह पर अंकित हो जाएगा.
अब तक सब ठीक, आगे भी वैसा ही रहेगा
इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार के अनुसार सॉफ्ट लैंडिंग मिशन का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है. अब तब सब योजना के अनुसार हुआ है, आगे भी ऐसा ही होगा. चंद्रयान-1 मिशन के निदेशक रहे ए अन्नादुरई ने कहा, इसरो के पास 40 से अधिक जियोसिंक्रोनस इक्वेटेरियल ऑर्बिट (जीओ) मिशन संभालने का अनुभव है. ऐसे में सॉफ्ट लैंडिंग सफल होने की पूरी उम्मीद है. करीब 35 किमी ऊंचाई से विक्रम 15 मिनट में उतरेगा.