रांचीः झामुमो के हफीजुल हसन और भाजपा के गंगा नारायण सिंह चुनावी रण में आमने-सामने हैं. कैबिनेट मंत्री हफीजुल हसन की विरासत की सियासत को अभी खुद रक्षा की जरुरत हैं? तो गंगा नारायण को पता हैं? कि अभी नहीं तो कभी नहीं. हफीजुल के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने भी खूब पसीना बहाया हैं? तो गंगा नारायण के लिए भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी गलियों की खूब खाक छानी है. हफीजुल और गंगा नारायण ने खूब पसीना बहाया है. बताते चलें कि मधुपुर विधानसभा सीट पर 1995 के बाद से लगातार भाजपा व झामुमो के बीच ही मुकाबला रहा है. झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी 1995 में चुनाव लड़े थे और उस समय चुनाव में जीत की हैटट्रिक लगा चुके केएन झा को शिकस्त दी थी. इसके बाद 2000 में हुए चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी ने फिर से इस सीट पर जीत हासिल की थी. लेकिन 2005 में भाजपा के राज पलिवार ने झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी को क्लीन बोल्ड कर दिया था. 2009 में झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी ने वापसी की. 2014 में भाजपा के राज पलिवार फिर से विजयी हुए. 2019 में झामुमो ने फिर पासा पलट दिया और हाजी हुसैन अंसारी ने राज पालीवाल को करारी शिकस्त दी. अब देखना यह है कि मधुपुर के मतदाता कमल खिलाएंगे या फिर वापस लौटेगा तीर कमान.