केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण को लेकर हो रही सारी बातें काल्पनिक हैं. रेलवे के निजीकरण का सवाल ही नही है. रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता है क्योंकि पटरियां रेलवे की हैं, इंजन रेलवे के हैं, स्टेशन और बिजली के तार रेलवे के हैं. इसके अलावा डिब्बे और सिग्नल प्रणाली भी रेलवे की ही हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मालगाड़ियों का भी निजीकरण नहीं किया जा रहा है.
बता दें कि बुधवार को कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद में सरकार पर रेलवे के निजीकरण’ की ओर कदम बढ़ाने और सिर्फ मुनाफा कमाने पर ध्यान देने का आरोप लगाया था.
रेल मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले रेलवे में निवेश की कमी एवं नजरिये की दिशाहीनता थी, साथ ही प्रौद्योगिकी में बदलाव नहीं हो पा रहा था, कर्मचारियों में विभागीय प्रतिस्पर्धा थी और इसके कारण रेलवे लगातार बाजार में हिस्सेदारी खोता जा रहा था. सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए रेल मंत्री ने कहा, ”हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहले सफाई पर ध्यान दिया गया. इसके बाद जमीनी कार्यालयों के स्तर पर अधिकारियों को शक्तियां दी गईं. आज ज्यादातर निविदाएं फील्ड अधिकारियों द्वारा तय होती हैं, वे रेलवे बोर्ड के पास नहीं आती.