संवाददाता,
रांची : राज्य में कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति और तबरेज अंसारी हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर वाम दलों का संयुक्त मार्च 14 सितंबर को निकाला जायेगा. राजभवन तक आयोजित मार्च में झारखंड में सुखाड़ घोषित करने, गैर मजरुआ जमीन की लगान रसीद काटने, नया यातायात नियम वापस लिये जाने की मांग से संबंधित एक स्मार पत्र भी राज्यपाल को सौंपा जायेगा. बुधवार को वाम दलों की एक बैठक भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने पत्रकारों से कहा की , राज्य में बदतर विधि व्यवस्था कायम है. झारखंड में सुखाड़ की स्थिति है, परंतु सरकार को किसानों से कोई लेना-देना नहीं है. भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा की सरकार लगातार जनता को बेवकूफ बना रही है. सरकार किसानों को धोखा दे रही हैं, जिस तरह से रामगढ़ के आईपीएल गोली कांड में पुलिस की गोली से मरने वालों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सांप से काटा गया बताया गया था, उसी तरह से तबरेज अंसारी की हत्या मॉब लिंचिंग से की गई और उसे बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक बता कर उसके एफ आई आर में 302 हटा दिया गया. सरकार लगातार जनप्रतिनिधियों को बदले की भावना से एक राजनीतिक साजिश के तहत प्रताड़ित कर रही है और उसे परेशान कर जेल भेज रही है. सरकार के विरोध करने वाले को लगातार सरकार परेशान कर रही है. आंदोलनकारियों पर किया गया मुकदमा को वापस लेने की मांग की. माकपा के सुरजीत सिन्हा ने कहा कि झारखंड में सारे संपदा के बावजूद किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार को इसकी कोई चिता नहीं है.