ब्यूरो चीफ,
रांची: पेयजल और स्वच्छता विभाग की वजह से पीने के पानी का वेवजह संकट उत्पन्न हो गया है. हटिया डैम से होनेवाली पेयजलापूर्ति भी पूरी तरह डगमगा गयी है. डैम से 19 वार्डों के 45 मुहल्लों में 10 मिलियन गैलन पीने के पानी की आपूर्ति होती है. पिछले चार-पांच दिनों से विभाग के अवर प्रमंडल हटिया की तरफ से बगैर किसी सूचना के जलापूर्ति की टाइमिंग बदल दी गयी है. प्रमंडल के कनीय अभियंता अशोक कुमार का कहना है कि अब हर मुहल्ले में सिर्फ एक घंटे ही जलापूर्ति की जायेगी. डैम से टंकी साइट धुर्वा, प्रोजेक्ट बिल्डिंग, जगन्नाथपुर, सिंह मोड़, पुनदाग, हिनू, डोरंडा ऑफीस पाड़ा के पानी की टंकी से आसपास के इलाकों में जलापूर्ति की जाती है.
कनीय अभियंता ने कहा कि पूर्व में जो जलापूर्ति का समय था, उसमें भी और कटौती कर दी गयी है. पानी कब आयेगा और कब जलापूर्ति समाप्त हो जायेगी, इसकी जवाबदेही कॉलोनी में रहनेवाले लोगों की है. विभाग के इस फैसले से कई ड्राई जोन मुहल्ले में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.
हटिया डैम से सीधी जलापूर्ति सुबह 6 बजे से 9 बजे तक होती थी. इसे भी अब बदल दिया गया है. उपरोक्त कॉलोनियों की ओवरहेड टंकियों में पानी भरने के लिए पहले संप में पानी भेजा जाता है. फिर उसे टंकी में चढ़ा कर जलापूर्ति सुनिश्चित की जाती है. विभाग के इस बड़े निर्णय से डैम पर निर्भर शहर की एक बड़ी आबादी को समस्याओं से जुझना पड़ रहा है. कई मुहल्लों में खराब पड़े ट्यूबवेल के जरिये ही किसी तरह घर की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है. अमूमन सभी टंकियों से तीन से चार घंटे की जलापूर्ति की जाती थी. अब इसके समय में तीन घंटे की भारी कटौती कर दी गयी है, जिससे घरों की जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं.
पानी की आपूर्ति की राशनिंग भी अब तक नहीं की गयी है
विभाग की तरफ से हटिया डैम से होनेवाले पीने के पानी की राशनिंग अब तक नहीं की गयी है, पर लोगों को राशनिंग से भी ज्यादा तकलीफ अभी होने लगी है. लोगों का कहना है कि आनेवाले दिनों में दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे पर्व हैं. पर पीने के पानी की अनियमित आपूर्ति से अभी से ही लोगों की भौंहें तनने लगी हैं.
2010 में हुई थी राशनिंग
हटिया डैम से नवंबर 2010 में पीने के पानी की राशनिंग की गयी थी. उस समय डैम से सिर्फ तीन दिन ही पीने के पानी की आपूर्ति की जाती थी. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ही पीने के पानी की आपूर्ति करने की घोषणा सरकार ने की थी. पानी की राशनिंग डेढ़ वर्ष बाद समाप्त की गयी थी.