रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा राजेश गुप्ता छोटू, प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षं आदित्य विक्रम जयसवाल, कांग्रेस नेता निरंजन पासवान सहित कांग्रेस के वरीष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों, विधायकों,सांसदों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी द्वारा जारी धरोहर श्रृंखला की सत्ताइसवीं वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया.
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा रामेश्वर उरांव आज राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की सत्ताइसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं ट्विटर पर जारी पोस्ट को शेयर करने के उपरांत अपना दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि बारदोली में अंग्रेज हुकूमत की निर्मम लगान वृद्धि के बाद किसानों की अडिगता ने ब्रिटिश हुकूमत के पांव तले जमीन खिसका दी.
बारदोली सत्याग्रह की सफलता को आज हर एक हिंदुस्तानी को करीब से जानने की आवश्यकता है, ताकि जब हमारे देश के अन्नदाता पर अत्याचार हो तो हम राजनीतिक दलों,धर्मों, क्षेत्रों और जातियों में न बटें. पढ़ने में बारदोली सिर्फ किसान सत्याग्रह लगता है लेकिन बारदोली ने सिर्फ किसानों की एकता को ही आवाज नहीं दी, बल्कि इसने हिंदू-मुस्लिम एकता की जो मिसाल पेश की वह आज भी अद्भुत है.
दरअसल इस आंदोलन के दौरान किसानों ने रामायण और कुरान के हिस्सों का पाठ किया और ईश्वर एवं खुदा के नाम पर शपथ ली.गांधी जी का मार्गदर्शन, पटेल का नेतृत्व, किसानों की अडिगता, हिंदू मुस्लिम एकता, राष्ट्रव्यापी चेतावनी इन सब ने अंग्रेज हुकूमत की नींद उड़ा दी और अंग्रेज हुकूमत को झुकना पड़ा और लगान को कम करके 6.03 प्रतिशत करना पड़ा. सभी किसानों की भूमि तथा जानवरों को लौटाने का सरकारी फरमान जारी किया.
डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि बारदोली सत्याग्रह के विजय के महत्व को गांधी जी के इन शब्दों में समझा जा सकता है बारदोली संघर्ष चाहे जो कुछ भी हो यह स्वराज की प्राप्ति के लिए संघर्ष नहीं है, लेकिन इस तरह का हर संघर्ष हर कोशिश हमें स्वराज के करीब पहुंचा रहा है. बारदोली से इसी सत्याग्रह ने बल्लभ भाई पटेल को सरदार पटेल बनाया, बारदोली की महिलाओं ने बल्लभ भाई पटेल के सरदार का नाम दिया और गांधी जी ने भरी सभा में सरदार नाम दोहराए. उस बारदोली को आज 9 दशक से ज्यादा का समय हो गया, कांग्रेस तब भी किसानों के साथ खड़ी थी और आजादी के बाद से लेकर आज तक कांग्रेस ने किसान हितों की रक्षा में आवाज उठाने में कोई कोताही नहीं, बरती वर्तमान में भी किसानों पर वैसी ही अत्याचार जारी है चाहे वह कृषि के उपकरणों पर टेक्स, हो काले कानून हों या आवाज उठाने पर दमन, जब सब कुछ वैसा ही है तो लड़ाई भी वैसी ही होनी चाहिए.धर्म,क्षेत्र ,जाति रंग,नस्ल,संप्रदाय का भेद भुलाकर लड़ी गई लड़ाई ही सफल होती है. देश की धरोहर को बचाने के लिए हमें भेदभाव को मिटाना होगा मतभेदों को भूलना होगा और और सिर्फ देश याद रखना होगा तभी हम पूर्वजों की धरोहर को बचा पायेंगे.
कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कांग्रेस की धरोहर सत्ताइसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप,इंस्टाग्राम पर जारी करते हुए कहा कि बारदोली के सरदार पटेल साहब हैं और उनका सत्याग्रह केवल किसान एकता का प्रतीक नहीं था बल्कि हिंदू मुस्लिम एकता को नए पैमाने पर स्थापित करने का आंदोलन भी है, बारदोली का सत्याग्रह हमें भारत से प्यार करने का संदेश देता है.
आलमगीर आलम ने कहा कि बारदोली सत्याग्रह के दमदार नेतृत्व करता अंग्रेजी हुकूमत को झुका देने वाले बल्लभ भाई पटेल से बारदोली की महिलाएं अत्यंत प्रभावित हुई और उन्होंने सरदार की उपाधि दी जिसके बाद 27 हजार किसानों के आंदोलन के सफल नेता वल्लभभाई तत्कालीन भारत के 87 करोड़ लोगों यानी पूरे देश के सरदार बन गए.
झारखंड सरकार में कांग्रेस मंत्री बादल पत्रलेख एवं बन्ना गुप्ता ने धरोहर वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक, ट्विटर व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर जारी करते हुए कहा कि सरदार पटेल के साथ 87 हजार किसानों के साथ-साथ 137 गांव की महिलाओं ने भी अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया और अंततः अंग्रेज सरकार ने लगाई वृद्धि 30 से घटाकर 6.03 प्रतिशत करने की घोषणा की.
उन्होंने कहा बारदोली सत्याग्रह ने पटेल में पले सरदार यानी प्रबल नेतृत्व के गुणों के बीज को अंकुरित कर दिया, बारदोली सत्याग्रह ने जहां देश को और स्वतंत्रता संग्राम को एक नया नेता दिया वही आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख नेताओं महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को दमदार साथी दिया.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से धरोहर वीडियो की सत्ताइसवीं वीडियो जारी करते हुए कहा कि बल्लभ भाई पटेल के सरदार बनने की कहानी बारदोली सत्याग्रह से जुड़ी है, बारदोली सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में हुआ एक प्रमुख किसान आंदोलन था जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया.
दरअसल 1928 में प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में 30प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी इसके बाद पटेल ने इस लगान विरोध वृद्धि का जमकर विरोध किया हालांकि ब्रिटिश हुकूमत वाली सरकार ने सत्याग्रह को कुचलने के लिए कई कड़े कदम उठाए मगर वल्लभभाई के दृढ़ता के आगे अंग्रेजी सरकार लाचार हो गई और अंततः विवश होकर किसानों की मांगों को मानना पड़ा.
दो अधिकारियों की जांच के बाद ब्रिटिश सरकार ने 30 फीसदी लगान को गलत माना और उसे घटाकर 6 फीसदी कर दिया. आज देश को इसी प्रकार के दृढ़ निश्चय के साथ किसान विरोधी निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने की जरूरत है
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निरंजन पासवान, सुखेर भगत, चैतू उरांव,अमरेन्द्र कुमार सिंह, सन्नी टोप्पो,बेलस तिर्की, फिरोज रिजवी मुन्ना, देवजीत देवघरिया, सोनी नायक, जितेन्द्र त्रिवेदी, विनीता पाठक, विभय शाहदेव सहित पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, विधायक, सांसद, मंत्रियों ने धरोहर वीडियो को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के समक्ष प्रेषित किया है, जो काफी ट्रेंड कर यहा है.