विटामिन डी (Vitamin D) की खुराक से पेट में अच्छे जीवाणु की संख्या बढ़ाने और मेटाबॉलिक सिंड्रोम रोकने में मदद मिल सकती है. उपापचयी सिंड्रोम एक प्रकार के लक्षणों के समूह हैं जो डायबिटीज़ और दिल के रोगों का खतरा बढ़ाने वाले कारक हैं. विटामिन डी की कमी ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को बढ़ा देती है. स्तन कैंसर पर हुई इस स्टडी में यह बात सामने आई कि विटामिन डी की कमी के साथ ही अगर मोटापा भी है तो यह Breast cancer के खतरे को बढ़ा देता है.
विटामिन डी की कमी के लक्षण –
आज के समय में विटामिन डी की कमी की समस्या काफी ज्यादा आ रही है. एनसीबीआई (NCBI) के मुताबिक दुनियाभर की जनसंख्या का 50 फीसदी विटामिन डी की कमी की समस्या से जूझ रहा है. हर किसी को नियमित रूप से रोज कमस्कम 10 से 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है.
विटामिन डी की कमी के कारण क्या हैं-
– जरूरत से कहीं ज्यादा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना. ऐसा करने से सूरज की किरणें त्वचा तक पहुंच ही नहीं पाती.
– ऐसी जगह रहना जहां धूप या सूरज की रोशनी कम हो.
– अधिक प्रदूषण वाले वातावरण में रहने के कारण.
– ज्यादा समय घर के अंदर ही बिताने के चलते.
– विटामिन डी से भरपूर आहार न लेने के चलते.
विटामिन डी की कमी के लक्षण –
1. थकान महसूस करना. इसके अलावा
2. हड्डियों में दर्द और कमजोरी महसूस होना. इसके अलावा शरीर के अलग-अलग हिस्सों की मांसपेशियों में लगातार दर्द भी इसका एक लक्षण है.
3. तनाव में रहना भी विटामिन डी की कमी का एक लक्षण हो सकता है. आमतौर पर औरतों में विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन या स्ट्रेस की समस्या ज्यादा होती है.
4. बाल झड़ना.
5. चोट लगने पर उसके भरने में काफी अधिक समय लगना.
6. विटामिन डी की कमी का असर आपके मूड पर होता है. विटामिन डी की कमी का असर सेरोटोनिन हार्मोन पर पड़ता है. जो मूड स्विंग्स की समस्या पैदा करती है.
7. विटामिन डी की बहुत ज्यादा कमी होने पर जरा सी चोट लगने पर हड्डी टूटने, खास तौर पर जांघों, पेल्विस और हिप्स में दर्द होता है.
विटामिन डी से भरपूर आहार-
आप विटामिन डी सीधा सूरज की किरणों से ले सकते हैं. इसके साथ ही साथ आप खाने में विटामिन डी से भरपूर चीजें शामिल कर विटामिन डी की कमी दूर कर सकते हैं.