New Delhi:- केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रविवार को 1 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप में भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा के वरिष्ठ अधिकारी समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ जांच एजेंसी ने मामले में और साक्ष्य जुटाने के लिए दिल्ली, असम, उत्तराखंड और दो अन्य राज्यों समेत भारत के कुल 20 स्थानों पर छापेमारी की है.
सीबीआई ने 1985 बैच के आईआरईएस अधिकारी महेंदर सिंह चौहान को उस समय हिरासत में ले लिया जब वह कथित रूप से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की परियोजनाओं के कॉन्ट्रैक्ट में फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत ले रहे थे.
इसी तरह के एक अन्य मामले में, भारतीय रेलवे के एक वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर, जो उस डिवीजन में कार्यरत थे जो टेंडर के लिए निविदा जारी करता है, को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था.आरोपियों की पहचान अनिल अहिरवार के रूप में की गई थी जिसने अन्य चार लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर गुजरात के एक व्यापारी से 2.73 करोड़ की रिश्वत ली थी.
उसके अलावा जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे महेंद्र चौहान के नाम पर ही रिश्वत ले रहे थे. खबरों के मुताबिक महेंद्र पूर्वोत्तर रेलवे में काम दिलाने के लिए एक कंपनी से 1 करोड़ की रिश्वत मांग रहा था. इसके बाद सूचना मिलने पर उसे पकड़ने के लिए प्लानिंग की गई. और जिस वक्त महेंद्र के दोनों साथी रिश्वत ले रहे थे ठीक उसी वक्त सीबीआई ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया. सीबीआई ने महेंद्र पर अन्य मामलों में भी रिश्वत लेने की संभावना जताई है.