मुख्य बिंदु
- टीएसपीसी ने मचाया उत्पात, दंपत्ति सहित चार घायल
- मुकदमा वापसी का दबाव बनाने के लिए बोला हमला
- घायलों को उपचार के लिए भेजा गया अस्पताल
संजीत मिश्रा
चतरा 25 जून : चतरा में टीपीसी का साम्राज्य है, खुलेआम लेवी लेने से लेकर लोगो ओ धमकाने तक का काम में संलिप्त टीपीसी हमेशा चर्चा में बनी रहती है और आज की एक घटना यह अबित करती आई कि टीपीसी को पुलिस प्रशासन का कोई डर नहीं।
याद घटना चतरा के कुंदा थाना छेत्र का है जहां तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के उग्रवादियों ने चतरा-पलामू सीमाना के पर स्थित दुर्गी गांव में धावा बोलकर जमकर उत्पात मचाया।
नकलियो ने 24 जून की रात को करीब 12 बजे चतरा-पलामू के सीमाने पर स्थित दुर्ग गांव में अशोक यादव को ढूंढते हुवे उसके घर पहुचे और दरवाजा खोलने को कहा।
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दरवाजा नही खोलने पर नक्सलियों ने दरवाजे को कुल्हाड़ी से तोड़ दिया।इस दौरान अशोक यादव व उसके परिजन बचाव के लिए चिल्लाते रहे पर कोई ग्रामीण घर से बाहर नही निकला।
दरवाजा टूट जाने के बाद नक्सली अशोक यादव के साथ- साथ उसकी पत्नी अनवा देवी पुत्र अरविंद यादव व अजय यादव को घर से बाहर निकालकर लाठी डंडों से पीटने लगे।
नक्सली एक मर्डर केस में टीएसपीसी नक्सली पर किये गए मुकदमा को वापस लेने की बात बोल रहे थे। नक्सलियों की यह पिटाई तब तक जारी रही जब तक कि दोनों पति पत्नी अधमरा होकर बेहोश नही हो गए।
नक्सलियों के चले जाने के बाद ग्रामीणों ने चारों को उपचार के स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। घटना की जानकारी मिलते ही पलामू और चतरा पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
इसके बाद से चतरा पलामू पुलिस संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान चला रही है। हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुलाब यादव हत्याकांड में टीएसपीसी के कुछ उग्रवादियों को अभियुक्त बनाया गया है।
मुदकमा दर्ज होने के बाद से टीएसपीसी के उग्रवादी नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि मुकदमा उठाने के लिए लगातार धमकी दिया जा रहा है। यह घटना भी इसी कड़ी से जुड़ा हुआ है।