रांचीः सीएम रघुवर दास ने कहा है कि राज्य को पांचवां नर्सिंग कौशल कॉलेज मिल रहा है. राज्य की बच्चियां अपने हुनर के दम पर प्रशिक्षण के बाद खुद अपने आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करेंगी. इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है. हर अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा देते हैं ताकि वे रोजगार प्राप्त करें. लेकिन यह युग तकनीक, ज्ञान और हुनर का है, जिसके पास ज्ञान, तकनीक और हाथों में हुनर है उसे ही रोजगार में प्राथमिकता मिलती है. ऐसे लोग ही अधिकतर स्वरोजगार की ओर अग्रसर भी होते हैं. हमारा झारखंड खुशनसीब है कि उसके पास युवा शक्ति है. यही युवा शक्ति राज्य के आर्थिक विकास की बड़ी पूंजी भी है. ये बातें मुख्यमंत्री ने इटकी आरोग्य संस्थान परिसर में इटकी नर्सिंग कौशल कॉलेज के उद्घाटन समारोह में कही.
सरकार हुनर देने का कर रही है काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बच्चियों में नर्सिंग को लेकर बड़ी अभिरुचि होने का अनुभव मैंने किया था. साथ ही मुझे इस बात की पीड़ा थी कि यहां की बच्चियां काम की तलाश में अन्य राज्य चली जाती थी. पलायन मुझे चुभता था. मैंने कल्याण विभाग के साथ बैठक कर राज्य के 11 आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र में नर्सिंग कौशल कॉलेज प्रारंभ करने की योजना बनाई. ताकि इस क्षेत्र में निवास करने वाले सभी समाज की बच्चियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार प्रदान किया जा सके. इस कार्य में हमें सफलता मिल रही है. प्रशिक्षण प्राप्त बच्चियां को 100 % रोजगार प्राप्त हो रहा है. राज्य में ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या है. भले ही गरीबी के कारण शिक्षा के महत्व को नहीं समझ पाने की वजह से लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए. लेकिन उन्हें हुनरमंद तो बनाया जा सकता है ही है. यही प्रयास सरकार विगत 5 वर्षों से कर रही है.
अन्य राज्य में प्रशिक्षण मिले यह सरकार को स्वीकार्य नहीं
पूर्व में नर्सिंग कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए बच्चियों को अन्य राज्य जाना पड़ता था. जहां उन्हें प्रलोभन देकर बेचा जा रहा था. उनका मानसिक और शारीरिक शोषण होता था. सभी को इस बात की जानकारी होने के बावजूद इस दिशा में प्रयास नहीं किया गया. वर्तमान सरकार ने पलायन करने वाली बच्चियों और उन्हें राज्य में ही रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से नर्सिंग कौशल कॉलेज प्रारंभ की है. आने वाली पीढ़ी खुशहाली से अपना जीवन यापन करें. यह सरकार की सोच है. समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास ही असली विकास है.
वस्त्र उद्योग के निवेशक झारखंड की ओर हो रहें हैं आकर्षित
झारखंड में वस्त्र उद्योग में रोजगार को लेकर संभावनाएं बढ़ी हैं. वस्त्र उद्योग के निवेशक झारखंड की ओर आकर्षित हो रहे हैं. यह आकर्षण यहां के सीधे और सरल मानव संसाधन की वजह से हुआ है. निवेशकों को पता है. यहां के लोग अनुशासित और कुशल भी हैं. वस्त्र उद्योग में सरकार ने सैकड़ों की संख्या में प्रशिक्षित बच्चियों को रोजगार प्रदान किया है. लगातार वस्त्र उद्योग का शुभारंभ और शिलान्यास भी हो रहा है. अब पलायन को सरकार ने काफी हद तक कम कर दिया है. इस अवसर पर कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर, सचिव कल्याण हिमानी पांडे, पूर्व विधायक देव कुमार धान, आदिवासी कल्याण आयुक्त, नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं व अन्य उपस्थित थे.