नई दिल्ली: विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के पास 2022 के बाद नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) एक्रिडिटेशन नहीं होने पर मान्यता समाप्त हो जाएगी. सरकार ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिटेशन से जोड़ने के लिए 167 संस्थानों को मेंटर इंस्टीट्यूशन के लिए भी चयनित कर लिया है. केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के मकसद से सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को नैक एक्रिडिटेशन अनिवार्य किया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) लाख कोशिशों के बाद भी सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिटेशन से नहीं जोड़ सका है. 350 से अधिक विश्वविद्यालय व कॉलेज अभी भी नैक एक्रिडिटेशन से नहीं जुड़ेे हैं. यूजीसी ने चयनित 167 मेंटर इंस्टीट्यूशन संस्थानों की सूची सभी विश्वविद्यालयों से सांझा कर दी है. इसका मकसद मेंटर इंस्टीट्यूशन अपने अधीनस्थ संस्थानों को केयर टेकर की तर्ज पर आगे बढ़ने में सहयोग कर सकें. इसमें हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के संस्थान भी मेंटर संस्थान की सूची में शामिल हैं.
यह है नैक एक्रिडिटेशन का फायदा
नैक एक्रिडिटेशन होने से उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता की भी परख हो जाती है. क्योंकि नैक टीम जांच के दौरान गुणवत्ता के साथ छात्र-शिक्षक अनुपात के तहत शिक्षक, योग्य शिक्षक, रिसर्च समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का जायजा लेती है. नैक एक्रिडिटेशन अनिवार्य के चलते विश्वविद्यालय, कॉलेज या संस्थान गुणवत्ता बढ़ाने पर फोकस करेंगे. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भी नैक एक्रिडिटेशन की परख होती है.
तीन सालों में नैक एक्रिडिटेशन
तीन सालों के भीतर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक एक्रिडिटेशन से जोड़ने के लिए 167 मेेंटर संस्थान भी चयनित किए गए हैं. इनका काम संस्थानों को जागरूक करने के साथ नैक एक्रिडिटेशन में सहयोग करना रहेगा.