इंदौर: जिले के पॉक्सो कोर्ट ने एक 22 साल के अभियुक्त को चार साल की बच्ची से बलात्कार और फिर उसकी हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई है. इस खबर में खास बात यह है कि इससे पहले भी अभियुक्त को इसी जुर्म में सजा सुनाई गई थी, लेकिन उस समय वह नाबालिग था जिसके कारण उसने तीन साल बाल सुधार गृह में बिताए थे. तीन साल के बाद वह बाहर आया था. इसके बाद वर्ष 2018 में एक बार फिर उसने एक मासूम बच्ची को शिकार बनाया और उसकी हत्या कर दी. कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना और उसे मौत की सजा सुनाई.
2013 में किया था सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म
अभियुक्त ने वर्ष 2013 में एक सात साल की बच्ची को मंदसौर में शिकार बनाया था. इस दौरान उसने मासूम के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद कोर्ट ने उसे तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया था.
इंदौर में भी किया था महिला से बदसलूकी
बाल सुधार गृह से निकलने के बाद अभियुक्त इंदौर चला गया. यहां पर वह एक श्रमिक परिवार के साथ वह रहने लगा. इस दौरान उसी परिवार की महिला के साथ उसने बदसलूकी की, जिसके बाद उसे घर से निकाल दिया गया. बाद में उसने महिला की ही चार साल की बेटी को अगवा कर उसके साथ बलात्कार किया और बाद में उसकी हत्या कर दी. मासूम का शव 27 अक्टूबर 2017 को बरामद किया गया था. मामले में पुलिस ने एसआईटी का गठन कर जांच की थी, जिसके बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था.