देहरादून: पूर्व गृह सचिव व वर्ष 1984 में दिल्ली के उप राज्यपाल रहे मदन मोहन किशन वली ने तय किया था कि उनके अंतिम संस्कार के बाद उनकी राख को गंगा में प्रवाहित न किया जाए. वह वृक्ष के रूप में पुनर्जन्म चाहते थे. पिता के इस संकल्प को उनकी बेटियों ने पूरा किया.
उन्होंने मंगलवार को शुक्लापुर स्थित हैस्को ग्राम पहुंचकर पिता की राख को मिट़्टी में मिलाकर बेर और आडू के पौधे लगाए. हैस्को में इसी प्रकार अब तक 32 मृत लोगों की राख को मिट्टी में मिलाकर वृक्ष के रूप में स्थापित किया गया. किशन वली की बेटियों को भी यह प्रेरणा हैस्को से ही मिली थी.