खास बातें:-
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अब तक इंवायरमेंटल डैमेज प्लान को नहीं मिली है स्वीकृति
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12 सितंबर 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था विधानसभा के नये भवन का उद्घाटन
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अब आग लगने से इंटीरियर सहित कई समान जल कर हो गए हैं खाक
रांचीः झारखंड के नये विधानसभा भवन में बुधवार की रात आग लग गई. जिससे इंटीरियर सहित कई समान जल कर खाक हो गए. 12 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नये भवन का उद्घाटन किया था.
इसके बाद इस नये विधानसभा भवन में एक दिन का विशेष सत्र भी बुलाया गया था. 39 एकड़ फैले हुए इस विधानसभा के नये भवन का निर्माण 465 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जिसमें 162 विधायकों के बैठने की जगह बनाई गई है. लेकिन नये विधानसभा भवन के रिमिडिएशन प्लान (इंवारमेंटल डैमेज प्लान) को अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास इंवायरमेंटल डैमेज की बैंक गारंटी 5.26 करोड़ रुपए जमा है. प्लान की स्वीकृति के बाद ही यह बैंक गारंटी भवन निर्माण विभाग को वापस की जाएगी.
कैसे मिला था इंवायरमेंटल क्लीयरेंस
भवन निर्माण से पहले प्रायर इंवायरमेंटल क्लीयरेंस लिया जाता है. विधानसभा भवन के मामले में निर्माण से पहले इंवायरमेंटल क्लीयरेंस नहीं लिया गया था.
इसके बाद भारत सरकार ने छह महीने का विंडो पीरियड दिया था. इस बीच में इंवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए अप्लाई करना था. यह आदेश भारत सरकार ने सभी राज्यों में हो रहे भवन निर्माण के लिए दिया था.
इसी बीच झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट और विधानसभा के इंवायरमेंटल क्लीयेंस के लिए अप्लाई कर दिया. इसी बीच सिया (State Level Environment Impact Assessment Authority) का भी गठन हो गया. यह सारी प्रक्रिया 2017 में ही पूरी कर ली गई थी.
फिर क्या निर्णय लिया गया
इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद निर्णय लिया गया कि बी कटेगरी के जितने भी प्रोजेक्ट हैं, उसका इंवायरमेंटल क्लीयरेंस सिया (State Level Environment Impact Assessment Authority) के रेकोमेंडेशन पर होगा. उसके लिए टॉर( टर्म ऑफ रेफरेंस) दिया जाएगा.
इसके तहत जो इंवायरमेंटर डैमेज हुआ है, उस डैमेज को फिर से सुधार के लिए प्रोजेक्ट बनाना होगा. इसके बाद ईआइए, ईएमपी और रिमेडेशियन प्लान बनाकर सिया को देना होगा. सिया इसे एसेस कर रिकोमेंड करेगी. इस टॉर( टर्म ऑफ रेफरेंस ) के लिए तीन साल का समय दिया गया है. नियमतः तीन साल के अंदर रिर्पोट बनाकर देना पड़ता है.
फिर आगे ऐसी होगी प्रक्रिया
इसके बाद सिया झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड को एक पत्र भेजेगा. इस खत का मजमून यह होगा कि रिमिडियेशन प्लान के तहत जितना डैनेज हुआ है, उसकी राशि बैंक गारंटी के रूप में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा रहेगी. यह बैंक गारंटी तब तक जमा रहेगी. जब तक रिमिडिशयन प्लान को इंप्लीमेंट नहीं किया जाए.
इसके लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. इसमें एमओईएफ रिजनल ऑफिस के एक प्रतिनिधि और सिया के एक प्रतिनिधि शामिल हैं. कमेटी को रिर्पोट देने के लिए 56 दिन का समय दिया गया है.