जेनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा दुनियाभर में फैले पांच लाख से अधिक जनजाति समुदाय के लोगों को है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डेट्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि छह जुलाई तक अमेरिका में जनजाति समुदाय में कोरोना वायरस के 70 हजार से अधिक मामले सामने आए थे और दो हजार लोगों की मौत हुई थी.
घेब्रेयेसस ने कहा कि जनजाति समुदाय के लोगों का रहन सहन बहुत दयनीय है, उनकी आर्थिक हालत भी खराब है, वो कुपोषण के भी शिकार हैं साथ ही संचारी और गैर संचारी बीमारियों की चपेट में भी रहते हैं. इन सब परिस्थितियों से इन्हें कोरोना वायरस से बहुत ज्यादा खतरा है. अमेरिका में जनजाति समुदाय के लोगों पर कोरोना के प्रभाव को लेकर डब्ल्यूएचओ बहुत चिंतित है. हाल ही में पेरू में नहुआ जनजाति में कोरोना के छह मामले सामने आए हैं.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपात स्थिति के प्रमुख ने कोरोना वायरस वैक्सीन के शुरुआती परीक्षणों में दिखाए गए परिणामों को अच्छी खबर बताया है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी एक लंबा रास्ता तय करना है. डॉ माइकल रयान ने जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि हमें अब बड़े पैमाने पर परीक्षणों की आवश्यक्ता है. वैक्सीन की खोज के इस बहुत महत्वपूर्ण चरण में अधिक डेटा और अधिक उत्पादों को देखना काफी अच्छा है.