रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड विकास मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले कई विधायक को करारी हाल मिली है.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सुखदेव भगत ने विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के एक सप्ताह पहले पार्टी से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया. भाजपा ने उन्हें लोहरदगा से उम्मीदवार भी बनाया, लेकिन वे कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से हार गये. हालांकि उनके लिए थोड़ी राहत भरी बात यह रही कि वे तीसरे स्थान पर पिछड़ने के बाद अंत में दूसरे स्थान पर पहुंचने पर सफल रहे.
सुखदेव भगत के साथ ही कांग्रेस के बरही विधानसभा सीट के विधायक मनोज यादव ने भी भाजपा की सदस्यता ली थी, पार्टी ने उम्मीदवार भी बनाया, लेकिन बरही में कांग्रेस उम्मीदवार उमाशंकर अकेला से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसी तरह से बहरागोड़ा के झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी भी भाजपा में शामिल हुए थे, वे 50 हजार से अधिक मतों के अंतर से झामुमो के समीर मोहंती से चुनाव हार गये. मांडू के झामुमो विधायक जयप्रकाश भाई पटेल भी लगातार कई राउंड में पीछे चलते रहे, लेकिन अंत में करीब दो-ढ़ाई हजार के मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे.
लातेहार के झाविमो विधायक प्रकाश राम ने भी अंतिम समय में भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया. वे भी झामुमो के बैद्यनाथ राम से चुनाव हार गये. राजद के पूर्व विधायक जर्नादन पासवान लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए थे, पार्टी ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे चतरा में राजद के सत्यानंद भोक्ता से चुनाव हार गये. इसी तरह से बरकट्ठा में भाजपा ने झाविमो से पार्टी में शामिल हुए जानकी यादव को उम्मीदवार बनाया, जिससे नाराज भाजपा के पूर्व विधायक अमित मंडल निर्दलीय चुनाव लड़ कर जीत हासिल करने में सफलता हासिल की.