इस्लामाबाद: हाल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वालों की दर 25 फीसदी है.
मगर इसके बरअक्स विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह दर 30 फीसदी बताई गई है. यानी की देश का एक बड़ा तबका बदहाली में जीवन जी रहा है.
Also Read This: शेयर बाजार में गिरावट दर्ज, सेंसेक्स 800 प्वाइंट टूटा
‘समा टीवी’ की खबर के मुताबिक, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मुताबिक यह दर 25 फीसदी बताई थी.
वहीं बीते साल जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह दर 30 फीसदी थी. यानी पाकिस्तान की 6 करोड़ से ज्यादा की आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रही है.
रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि जहां देश के सबसे बड़े शहर कराची में 14 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजार रहे हैं, वहीं लाहौर में 10 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे यानी बदहाली में जी रहे है.
इसके अलावा पेशावर में 32 फीसदी, वहीं कोएटा में 45 फीसदी और इस्लामाबाद में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की दर 10 फीसदी से कम है.
हालांकि विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 15 सालों में पाकिस्तान में इस दर में करीब 35 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
हालांकि, इस साल फरवरी में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले पाकिस्तान में मौजूदा हालात बेहतर नहीं कहे जा सकते.
कुछ अनुमान के मुताबिक बताया गया है कि अगर कोरोना की वजह से पाकिस्तान में व्यावसायिक जीवन पूरी तरह से बंद रहता है, तो इससे देश के करीब 1 करोड़, 85 लाख, 30 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
कोरोना वायरस के फैलने के बाद हालात और भी बद्तर हो गए हैं. जहां देश पर भारी कर्ज का बोझ है, वहीं पाकिस्तान में गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी बसर करने वाले लोगों के स्तर को ऊपर लाना भी चुनौती बना हुआ है.