लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को जुबान पर काबू रखने और अपनी भाषा में संयमित रहने की सलाह दी. समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्य तिथि पर उनके नाम से बने पार्क में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिये बिना कहा कि ठोंक देंगे, डंके की चोट पर जैसी भाषा राजनीतिक नेताओं की नहीं होनी चाहिये. सत्ता का नशा ऐसा नहीं होना चाहिये कि भाषा की मर्यादा ही भूल जायें.
उन्होंने कहा कि जनेश्वर मिश्र को छोटे लोहिया के नाम से जाना जाता था जो हमेशा गरीब, दबे कुचले लोगों की आवाज उठाया करते थे. चाहे संसद हो या उसके बाहर.
यादव ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की और कहा कि खुशी की बात यह है कि इसके विरोध में अब पूरे देश में महिलायें आगे आ रही हैं लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा संविधान की मूल भावना को ही खत्म कर रही हैं. भाजपा देश में हिंदू मुस्लिम की एकता को तोड़ना चाहती है.
उन्होंनें कहा कि विकास, बेरोजगारी और देश की खराब अर्थ व्यवस्था के सवाल पर वो भाजपा के किसी भी नेता से किसी भी मंच पर बहस को तैयार हैं.
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की नेत्री और मुलायम सिंह यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव ने सीएए का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पड़ेासी देश में धर्म के नाम पर सताये गये गैर मुस्लिम को भारत में नागरिकता देना कहीं से गलत नहीं है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुसलमानों को धर्म के नाम पर कैसे सताया जा सकता है.