रांची: नियोजन नीति को लेकर जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. इस मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के क्रम में प्रतिवादी के अधिवक्ताओं ने राज्य की नियोजन नीति को सही ठहराया कहा कि संविधान को ध्यान में रखकर ही यह नीति बनाई गई है. इसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं है.
वहीं, वादी पक्ष की ओर से हाई स्कूल नियुक्ति को रद्द करने की मांग के जवाब में प्रतिवादी के अधिवक्ताओं ने कहा कि इस नियोजन नीति से सिर्फ हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. कोर्ट को बताया कि इस नीति से झारखंड में पंचायत सचिव, जिला पुलिस, राजस्व कर्मचारी सहित अन्य नियुक्तियां हुई है. ऐसे में शिक्षक नियुक्ति रद्द नहीं की जा सकती है. अधिवक्ताओं ने कोर्ट को यह भी बताया कि हाई स्कूल में हजारों ऐसे अभ्यर्थी जॉइन किये है, जो पहले किसी दूसरे विभाग में नौकरी में थे. ऐसे में अगर नियुक्ति रद्द होती है तो ये कहां जाएंगे.
ज्ञात हो कि सोनी कुमारी ने राज्य की स्थानीय नीति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसकी सुनवाई जस्टिस एचसी मिश्र, जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ कर रही है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 11 जिलों का स्टे हटा दिया.