नई दिल्ली: पिछले एक महीने से चीन में महामारी का रुप ले लेने वाले कोरोना वायरस के शोध में वैज्ञानिकों ने अब एक नया खुलासा किया है.
बता दें पिछले महीने भर से दुनिया के तमाम वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर ये वायरस इंसान में आया कैसे?
पहले कयास लगाए जा रहे थे कि ये वायरस इंसान में चिमगादड़ों से फैला है. लेकिन अब इस कयास को दरकिनार करते हुए चीन के एक शोध में खुलासा हुआ है कि इंसानों में कोरोना वायरस पैंगोलिन (Pengolin) से पहुंचा है.
यह पहली बार है जब इस दुर्लभ जानवर से इंसानों में कोरोना वायरस फैलने का दावा किया जा रहा है. चीन के साउथ चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि इंसान में पाए गए कोरोना वायरस का डीएनए पैंगोलिन में पाए जाने वाले डीएनए से 99% मैच कर रहा है.
वैज्ञानिकों का दावा है कि इंसानों में कोरोना वायरस इस जानवर से आया है. इससे पहले कुछ वैज्ञानिकों के दावा किया था कि कोरोना वायरस चिमगादड़ से इंसानों में प्रवेश हुआ होगा.
लेकिन शोध में पाया गया कि चिमगादड़ का डीएनए मात्र 80 प्रतिशत से भी कम मैच कर रहा था. पैंगोलिन असल में दुनिया में दुर्लभ होता जा रहा है.
स्तनधारी वन्यजीव है जो दिखने में अन्य स्तनधारियों से बिल्कुल अलग व विचित्र आकृति का जिसके शरीर का पृष्ठ भाग खजूर के पेड़ के छिलकों की भांति कैरोटीन से बने कठोर व मजबूत चौड़े शल्कों से ढंका रहता है. दूर से देखने पर यह छोटा डायनासोर जैसा प्रतीत होता है.
पैंगोलिन कीड़े-मकोड़े और चींटी खाता है. चीनी शोध का कहना है कि किसी व्यक्ति द्वारा इस जानवर को खाने की वजह से ही कोरोना वायरस के इंसानों में प्रवेश की संभावना जताई जा रही है. वैज्ञानिकों का दावा है कि चिमगादड़ों में भी कोरोना वायरस पाया जाता है.
लेकिन इनसे इंसान में वायरस के प्रवेश की संभावना बेहद कम है. जबकि पैंगोलिन से इंसान में वायरस घुसने की आशंका ज्यादा है.
हालांकि अभी तक इस चीनी शोध को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मान्यता नहीं मिली है. लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि अगर ये चीनी वैज्ञानिकों का दावा सही साबित हुआ तो इस वायरस के टीके बनाने में जल्द सफलता मिल सकती है.