यूपीः बिकरू कांड के आठ महीने बाद सोमवार को एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया। दहशतगर्द विकास दुबे, प्रभात मिश्रा, अमर दुबे को पनाह देने और उनके असलहों को बेचने के लिए सौदा करने वाले सात आरोपियों को पनकी पड़ाव चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से असलहों का जखीरा भी बरामद हुआ है।
इन हथियारों का इस्तेमाल बदमाशों ने पुलिस पर हमले में किया था। छह आरोपी कानपुर देहात के हैं, जबकि एक भिंड जिले का रहने वाला है। इसी ने असलहों की खरीदारी के लिए संपर्क किया था। मामले में पनकी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसटीएफ ने विकास दुबे, प्रभात मिश्रा, अमर दुबे के मोबाइल भी बरामद किए हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि दो जुलाई 2020 की रात बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय ने सभी को सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराए थे। प्रभात ने तीन जुलाई को तड़के तीन से चार बजे के बीच अपने शिवली निवासी दोस्त विष्णु कश्यप को फोन कर शिवली नदी पुल के पास बुलाया। प्रभात उससे अकेले मिला और चार पहिया गाड़ी का इंतजाम कराने को कहा।
विष्णु अपने दोस्त छोटू की स्विफ्ट कार लेकर कैलई रोड तिराहा पहुंचा। प्रभात, विकास दुबे और अमर उस कार में बैठ गए। कार अमर चला रहा था। इन सभी को विष्णु अपने जीजा रामजी के घर रसूलाबाद तुलसीपुर ले गया। तीन जुलाई की दोपहर अमर दुबे को रामजी करियाझाला में संजय परिहार की बगिया ले गया। शाम को विकास और प्रभात को भी वहीं पहुंचाया।
यहां पर अभिनव तिवारी, अर्पित मिश्रा उर्फ पुत्तू मिश्रा, विक्की यादव, अमन शुक्ला, मोहन अवस्थी आदि लोग मौजूद थे। अमर ने अर्पित से सुरक्षित जगह पर ठहराने को कहा। इस पर उसने अपने ट्यूबवेल के पास कुछ देर रुकवाया। देर शाम उसने मंगलपुर निवासी शुभम पाल से संपर्क किया।
इसके बाद शुभम ने विकास, प्रभात और अमर को दो दिन तक अपने सुरक्षित स्थान पर ठहराया। पांच जुलाई की शाम को तीनों बदमाशों को शुभम ने अपनी कार से औरैया छोड़ा। यहां से तीनों फरीदाबाद पहुंचे और अलग-अलग शहरों में चले गए। तीनों बदमाश एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
पेट्रोल पंप मालिक के रिश्तेदारों ने खरीदी सेमी आटोमेटिक राइफल
एडीजी ने बताया कि बदमाशों का असलहों का जखीरा रामजी, विष्णु और अर्पित के पास था। जब पूरा मामला शांत हो गया तो रामजी ने असलहों और कारतूसों को बेचने का मन बनाया। जनवरी में संजय, अभिनव व अमन ने रामजी से संपर्क किया। संजय ने एक सेमी आटोमेटिक राइफल (जेल में बंद शिव तिवारी की है) व एक डबल बैरल बंदूक का सौदा इटावा-भिंड रोड स्थित दावत रेस्टोरेंट व पेट्रोल पंप के मालिक सत्यवीर सिंह यादव के रिश्तेदार मनीष यादव से किया। इस बीच रविवार को एसटीएफ ने सभी आरोपियों को धर दबोचा। इसके पहले एक सेमी आटोमेटिक राइफल और डबल बैरल सत्यवीर के रिश्तेदारों भिंड के ही बंटी सिंह यादव, रंजीत सिंह और मंगल सिंह को बेची गई है। इनकी तलाश जारी है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
1- विष्णु कश्यप, शिवली, कानपुर देहात
2- रामजी उर्फ राधे, तुलसी नगर, रसूलाबाद, कानपुर देहात
3- अमन शुक्ला, धनीरामपुर, रूरा, कानपुर देहात
4- अभिनव तिवारी उर्फ चिंकू, धनीरामपुर, रूरा, कानपुर देहात
5- संजय परिहार, उर्फ पिंकू, करियाझाला, झींझक कानपुर देहात
6- शुभम पाल, मंगलपुर, कानपुर देहात
7- मनीष यादव उर्फ शेरू, डीडीकला, देहात, भिंड (मध्य प्रदेश)
ये हुई बरामदगी
- एक सेमी आटोमेटिक राइफल (मेड इन अमेरिका)
- एक 9 एमएम अवैध कारबाइन
- एक रिवाल्वर
- एक सिंगल बैरल बंदूक 12 बोर
- दो 315 बोर के तमंचे
- सेमी आटोमेटिक राइफल के 42 कारतूस
- रिवाल्वर के 40 कारतूस (32 बोर)
- एके-47 के दो कारतूस
- .32 बोर पिस्टल के चार कारतूस
- 9 एमएम कारबाइन के 20 कारतूस
- तमंचे के 25 कारतूस
- .38 बोर का एक कारतूस
- 30.06 बोर की राइफल के सात कारतूसों के चार्जर क्लिप
- फरार कराने में इस्तेमाल दो कारें, ओमनी व वैगन आर
- आरोपियों के मोबाइल, पैन, आधार कार्ड व दो लाख पांच हजार रुपये