आगरा: एत्मादपुर के 50 वर्षीय शख्स को सात साल की बेटी की दुष्कर्म के बाद हत्या के जुर्म में गुरुवार को सजा ए मौत सुनाई गई. उसने यह वारदात 24 नवंबर 2017 की रात में की थी. बेटी को घर से उठाकर पास के सरकारी स्कूल में ले गया था. वहां उसे हवस का शिकार बनाया. चीखें बंद करने के लिए मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था. वह छटपटाई तो मुंह दबा दिया. दरिंदगी की इंतहा यह थी कि मौत हो जाने के बाद बच्ची के चेहरे को दांतों से काटा और नाखूनों से नोंचा था. उसे 2.35 लाख रुपये का अर्थदंड भी दिया गया है.
स्पेशल जज (पॉक्सो एक्ट) वीके जायसवाल ने इसे विरलतम श्रेणी का अपराध माना है. 24 पेज के फैसले में कहा कि हत्यारे को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए. उसने बेटी की हत्या के बाद थाने जाकर झूठ बोला था कि वह लापता हो गई है.
बच्ची का शव स्कूल से ही सुबह 6 बजे बरामद हुआ था. बेटों ने बताया कि पापा ने पहले घर में उसके साथ दुष्कर्म किया. वह रोने लगी तो उसे दवा दिलाने के बहाने उठाकर ले गए. इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष गिरी ने कोर्ट में 16 गवाह और साक्ष्य पेश किए. हत्यारा झोंपड़ी डालकर रहता था. लोगों के कान साफ करने का काम करता था.