गोड्डा (पथरगामा): सोमवार को समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय में महिला पर्यवेक्षिका प्रीति रानी ने सेक्टर 6 की पोषण सखी और सेविका के साथ बैठक की.
बैठक में मॉडल 16 कंगारू मदर केयर का उदाहरण देते हुए बताया गया कि छोटे दूध पीते बच्चों का देखभाल कैसे किया जाना चाहिए. जिस प्रकार कंगारू मदर अपने नवजात बच्चे को 9 माह तक अपने पेट में बने थैले में चिपकाए रहती है. ठीक उसी प्रकार का देखभाल हमें अपने बच्चों के साथ करना चाहिए.
मां के शरीर की गर्मी से नवजात बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. जिस बच्चे का वजन 2 किलो से कम होता है तो उसे कुपोषित समझा जाना चाहिए. ऐसे बच्चों को देखभाल की विशेष जरूरत पड़ती है.
आज के इस चर्चा प्रशिक्षण को चार्ट के माध्यम से दर्शाया भी गया था.
बैठक में फुल कुमारी, किरण कुमारी, दिलजान खातून, रेणु देवी, चंदा कुमारी सहित सेविका और पोषण सखी मौजूद थी.