रांची: विधानसभा में आज प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही के दौरान कोयलांचल में गर्मी के मौसम में जलस्तर नीचे जाने और पेयजल संकट पर चिंता जतायी गयी. भाजपा विधायक ढुल्लू महतो द्वारा उठाये गये इस सवाल पर उनकी अनुपस्थिति केकारण चर्चा नहीं हो सकी.
ढुल्लू महतो ने अपने बाघमारा विधानसभा क्षेत्र और कोयलांचल में अंधाधुंध माइनिंग के कारण जलस्तर के नीचे जाने पर चिंता जतायी. इस संबंध में सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि बाघमारा प्रखंड के कोल माइनिंग क्षेत्र होने के कारण भूगर्भ जलस्तर नीचे चला जाता है.
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इस क्षेत्र में औसम जलस्तर सामान्य दिनों में 18 मीटर रहता है, जो गर्मी के दिनों में27 मीटर चला जाता है. गर्मी में चापाकलों को कार्यरत रखने के लिए नलकूपों में औसतन 33मीटर पाईप लगाया जाता है. वर्त्तमान मेंइस प्रखंड में कुल 4798 नलकूप है,जिसमें से 4058 चालू स्थिति में है.
इस तरह प्रखंड की आबादी 3.34 लाख के लिए इलाके में पेयजल के पर्याप्त स्त्रोत है. उन्होंने बताया कि माइनिंग क्षेत्र में पीट वाटर पाईप लाइन के माध्यम से आसपास के इलाकों में जलापूर्ति के लिए चार योजनाएं शुरू की गयी है, जबकि पांच अन्य ऐसी योजनाएं शुरू करने की योजना बनायी है.