उत्तर प्रदेश के बरेली बिथरी चौनपुर से भाजपा विधायक राजेश मिश्र उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी के प्रेम विवाह मामले में नया मोड़ आ गया है. जिस मंदिर में दोनों की शादी हुई है, वहां के महंत परशुराम सिंह ने प्रमाण-पत्र को फर्जी बताया है. अति प्राचीन राम जानकी मंदिर के महंत परशुराम सिंह ने इस विवाह की जानकारी से ही इनकार करते हुए शादी के प्रमाण-पत्र को ही फर्जी करार दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले में कानूनी मदद लेंगे. मंदिर के महंत परशुराम सिंह ने बताया कि उनके मंदिर में न शादी होती है और न ही ऐसा कोई प्रमाण-पत्र जारी होता है. उन्होंने आचार्य विश्वपति जी शुक्ल के बारे में जानकारी से साफ इनकार किया. उन्होंने कहा कि इस मंदिर का नाम बदनाम किया जा रहा है, और इस बारे में वह कानूनी मदद लेंगे.
आपको बता दें अनुसूचित जाति के युवक से शादी करने के बाद बरेली के भाजपा विधायक की बेटी साक्षी और उसके पति ने उच्च न्यायालय की शरण ली है. अदालत में साक्षी ने अपनी व अपने पति की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा मांगी है. इन दोनों की तरफ से उच्च न्यायालय में अपने विवाह का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें प्रयागराज के बेगम सरयू स्थित अति प्राचीन राम जानकी मंदिर में विवाह होने और वहीं से प्रमाण-पत्र प्राप्त होने की जानकारी दी गई है. इस प्रमाण-पत्र पर साहित्याचार्य कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य विश्वपति जी शुक्ल का नाम दर्ज है. बता दें कि बरेली के बिथरी चौनपुर के भाजपा विधायक की बेटी साक्षी दो जुलाई को घर छोड़कर प्रेमी अजितेश के साथ चली गई थी. चार जुलाई को दोनों ने प्रयागराज में एक मंदिर में शादी कर ली.
इसके चार दिन बाद साक्षी ने अजितेश के साथ दो वीडियो वायरल किए, जिसमें उसने खुद को जान का खतरा बताया और सुरक्षा मांगी. वीडियो में यह भी कहा गया है कि यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार पप्पू भरतौल और उनके कुछ सहयोगी होंगे. इस मामले में विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने हालांकि कहा है कि “बेटी बालिग है, उसे फैसला लेने का अधिकार है. मैंने या मेरे किसी समर्थक ने कोई धमकी नहीं दी. बेटी चाहे जहां रहे, खुश रहे.”