उत्तर प्रदेश के उन्नाव में मदरसों के छात्रों के साथ बदसलूकी और नारा लगाने के मामले में पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्नाव में कोई नारा नहीं लगाया गया था, बच्चों के खेल में लड़ाई हुई थी. इस मामले में एडीजी लॉ पीवी राम शास्त्री ने कहा कि केवल अराजक तत्वों ने माहौल खराब करने का काम किया था. पुलिस जांच में यह मामला सामने आया कि 11 जुलाई को दो पक्षों के बच्चे आमने सामने आ गए. उनमें विवाद क्रिकेट खेलने के दौरान हुआ. इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे से मार-पीट की लेकिन उससे पहले पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया.
एडीजी ने यह भी कहा कि अलीगढ़, मेरठ, कानपुर में भी सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रशासन इसे रोकने में कायम रहा. हंगामे की असली वजह कुछ और थी. बता दें उत्तर प्रदेश के उन्नाव में मदरसे के छात्रों के साथ बदसलूकी और पिटाई का कथित मामला सामने आया था.
जामा मस्जिद के मौलाना नईम मिस्बाही का आरोप है कि कुछ लोगों ने क्रिकेट खेल रहे छात्रों को ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए कहा. मौलाना नईम मिस्बाही ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ न बोलने पर उपद्रवियों ने पहले छात्रों के साथ बदसलूकी की. इसके बाद बच्चों पर पथराव किया गया.
उपद्रवियों की फेसबुक प्रोफाइल की जांच करने पर हमें पता चला कि ये बजरंग दल से जुड़े हुए है. इस मामले में उन्नाव शहर के क्षेत्राधिकारी उमेश चंद्र त्यागी ने कहा कि गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में क्रिकेट ग्राउंड पर दो समूहों के बीच झड़प हुई. इस दौरान जामा मस्जिद मदरसे के तीन बच्चे घायल हो गए. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था.