नई दिल्ली: यहां पर हम आपको बताते चले कि शोध कर रहे वैज्ञानिकों का कहना था कि बाहरी कटीली परत पर, यानी की स्पाइक प्रोटिन पर, जो आपके शरीर की कोशिकाओं से जाकर चिपक जाता है. फिर कोशिकाओं को संक्रमित कर वायरस पैदा करता है.
इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों यह जानकर हैरान हो गए कि 19 यानी सार्स-सीओवी2 की संरचना 2002 में फैली सार्स महामारी के वायरस से 93 प्रतिशत मिलती है.
यानी कोविड-19 के जीनोम सिक्वेंस सार्स वायरस के जीनोम सिक्वेंस से मिलते जुलते हैं.19 यानी सार्स-सीओवी2 की संरचना 2002 में फैली सार्स महामारी के वायरस से 93 प्रतिशत मिलती है. यानी कोविड-19 के जीनोम सिक्वेंस सार्स वायरस के जीनोम सिक्वेंस से मिलते जुलते हैं.
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना वायरस एकाएक आपके शरीर पर अपनी पकड़ नहीं बनाता है. यह एक लंबी चरणबद्ध प्रक्रिया है. वह यह भी देखता है कि क्या उसने आपके शरीर में हमला करने के लिए सही कोशिका का चुनाव किया है कि नहीं. इसके लिए वायरस को आसपास मौजूद कोशिका को रसायन बनाने होते हैं.
19 यानी सार्स-सीओवी2 की संरचना 2002 में फैली सार्स महामारी के वायरस से 93 प्रतिशत मिलती है. यानी कोविड-19 के जीनोम सिक्वेंस सार्स वायरस के जीनोम सिक्वेंस से मिलते जुलते हैं.
गौरतलब है कि अभी पूरे विश्व में कोरोना का कहर बरप रहा है. ऐसी स्थिति में लगातार संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. वहीं वैज्ञानिकों द्वारा शोध का सिलसिला भी जारी है. बहरहाल, यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द कोरोना का प्रकोप कम हो जाए, चूंकि इससे मानवजाति त्रस्त हो चुकी है.